इंदौर: मध्य प्रदेश का इंदौर लोकसभा क्षेत्र का चुनाव दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। बताया जा रहा है कि भाजपा के रणनीतिकारों को मुख्य चिंता नोटा को लेकर है। पहले यह स्थिति थी कि कांग्रेस को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के सामने कोई दमदार उम्मीदवार नहीं मिल रहा था। अब यह हाल है कि भाजपा कार्यकर्ता ही प्रत्याशी चयन से पूरी तरह खुश नहीं हैं। भाजपा के रणनीतिकारों के सामने सबसे बड़ी समस्या शंकर लालवानी की उम्मीदवारी स्थापित करने की है। लालवानी पिछले तीन विधानसभा चुनाव से टिकट मांग रहे हैं लेकिन उनका कद पार्षद स्तर के नेता का माना जाता रहा है।
इस कारण लोकसभा स्तर पर उनकी पहचान का संकट है। इसके अलावा सुमित्रा महाजन के कारण मराठी समाज के बड़े वर्ग को राजनीति की मुख्यधारा में बने रहने की आदत हो गई थी। यह वर्ग मानता था कि यहां से भाजपा हमेशा मराठी नेता को ही लड़ाएगी। ५ अप्रैल के बाद राजनीतिक परिस्थितियों में नाटकीय परिवर्तन हुआ और लगातार आठ बार जीतने वाली सुमित्रा महाजन को चुनावी मैदान से बाहर बैठना पड़ा। इस अप्रत्याशित परिवर्तन के लिए मराठी समाज का एक समूह तैयार नहीं था यही समूह अब निराशा में नोटा बटन चलाने का अभियान सोशल मीडिया पर चला रहा है। हालांकि सुमित्रा महाजन शंकर लालवानी के लिए प्रचार अभियान में सक्रियता से हिस्सा ले रही हैं लेकिन उनके समर्थकों की निराशा अभी दूर नहीं हुई है। इसकी बानगी नामांकन जुलूस के दौरान देखने को मिली जब बार-बार निवेदन करने के बाद भी सुमित्रा महाजन ने संबोधित करने से मना कर दिया।
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करीब दो दशक पूर्व तक शहर के मराठी भाषी रामबाग, नारायण बाग, मार्तंड चौक, कृष्णपुरा, जूनी इंदौर, नंदलालपुरा में अधिक रहते थे। शहर के विस्तार के बाद स्थिति बदली और यहां के मराठी भाषी राऊ विधानसभा के अंतर्गत आने वाले राजेंद्र नगर, वैशाली नगर, परस्पर नगर, धनवंतरी नगर और लोकमान्य नगर में शिफ्ट हो गए। अब राऊ विधानसभा क्षेत्र के 3 वार्ड मराठी बाहुल हैं। इन वार्डो में सुमित्रा समर्थकों के वर्चस्व वाली अनेक मराठी सामाजिक संस्थाएं कार्यरत हैं। इïन्हीं इन संस्थाओं के पदाधिकारी खुलकर सोशल मीडिया पर नोटा का बटन दबाने का अभियान चला रहे हैं।
नोटा अभियान को निस्तेज करने के लिए संघ की स्थानीय इकाई सक्रिय हो गई है। पिछले महीने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख अरुण कुमार ने भोपाल में संघ की मध्य क्षेत्र इकाई की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की थी जिसमें नोटा को लेकर खास सतर्कता बरतने की सलाह दी गई। संघ के इंदौर विभाग के कर्ताधर्ता विशेष जोर लगाए हुए हैं। देश के सबसे बड़े सामाजिक-सांस्कृतिक मराठी समूह 'सानंद' के कर्ताधर्ता जयंत भिसे को विशेष रूप से जिम्मेदारी दी गई है। विधानसभा चुनाव में महू विधानसभा के संगठन की दृष्टि से पालक रहे भिसे को इस बार राऊ विधान सभा की जिम्मेदारी दी गई है। वह भाजपा के नगर उपाध्यक्ष भी हैं। उनके अलावा संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी लक्ष्मणराव नवाथे भी राऊ विधानसभा के मराठी बहुल इलाकों पर ही ध्यान दे रहे हैं।