केरल: कृषि कानूनों के खिलाफ भाजपा MLA राजगोपाल, मचा सियासी बवाल

प्रस्ताव पारित होने के बाद सदन के बाहर राजगोपाल ने कहा कि सदन में आम सहमति थी, इसलिए मैंने प्रस्ताव पर आपत्ति नहीं जताई। यह लोकतांत्रिक भावना है।' केरल विधानसभा का यह घटनाक्रम भारतीय जनता पार्टी के लिए एक फजीहत के रूप में सामने आया है।

Update: 2020-12-31 14:04 GMT
केरल: कृषि कानूनों के खिलाफ भाजपा MLA राजगोपाल, मचा सियासी बवाल

केरल: पिछले एक महीने से राजधानी दिल्ली की सड़कों पर कृषि कानूनों को लेकर जारी घमासान के बीच केरल विधानसभा ने सर्वसम्मति से केंद्र के तीनों विवादित कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। इस दौरान एक ऐसी घटना देखने को मिली, जब इस प्रस्ताव को एकमात्र भाजपा विधायक ओ. राजगोपाल का भी समर्थन मिला। केरल विधानसभा के इस प्रस्ताव में इन तीनों क़ानून को 'किसान विरोधी और 'उद्योगपतियों के हित' में बताया गया है।

भाजपा विधायक राजगोपाल ने समर्थन किया

स्पीकर पी श्रीरामकृष्णन ने कहा कि विधानसभा के विशेष सत्र में ध्वनिमत के जरिए प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। जब प्रस्ताव पास किया जा रहा था, तब इकलौते भाजपा विधायक राजगोपाल ने वॉकआउट किया और अपनी सहमति प्रदान की। ओ राजगोपाल ने प्रस्ताव में शामिल कुछ संदर्भों पर आपत्ति दर्ज की मगर विरोध नहीं किया। बता दें कि वह अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में रेल राज्य मंत्री थे।

यह लोकतांत्रिक भावना है-राजगोपाल

प्रस्ताव पारित होने के बाद सदन के बाहर राजगोपाल ने कहा कि सदन में आम सहमति थी, इसलिए मैंने प्रस्ताव पर आपत्ति नहीं जताई। यह लोकतांत्रिक भावना है।' केरल विधानसभा का यह घटनाक्रम भारतीय जनता पार्टी के लिए एक फजीहत के रूप में सामने आया है, क्योंकि भाजपा इस कानून को किसानों के हित में मानती है। भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष के. सुरेन्द्रन ने कहा कि वह इस बात की जांच करेंगे कि राजगोपालन ने विधानसभा में क्या कहा। सुरेंद्रन ने यह भी कहा कि उन्हें नहीं लगता कि राजगोपालन जैसे वरिष्ठ नेता इसके विपरीत विचार रखेंगे।

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मैंने केंद्र सरकार का विरोध नहीं किया: राजगोपाल

राजगोपाल ने कहा कि मैंने आज केरल विधानसभा में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव का मजबूती से विरोध किया। मैंने केंद्र सरकार का विरोध नहीं किया है। मैंने कहा था कि कृषि कानून किसानों के लिए बहुत लाभकारी है। ऐसी बातें निराधार हैं जिनमें कहा जा रहा है कि मैं केंद्र सरकार के विरोध में हूं। भाजपा विधायक ने कहा कि मतदान के दौरान स्पीकर ने यह नहीं पूछा था कि कौन प्रस्ताव का समर्थन कर रहा है और कौन विरोध कर रहा है। इसे केवल एक सवाल में बिना सबसे अलग-अलग पूछे समाप्त कर दिया गया था। यह नियमों का उल्लंघन है।

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भाजपा नेता बोले, कुछ समझ नहीं आ रहा है...

उधर, कुछ इस नाटकीय घटनाक्रम के घेरे में कुछ भाजपा नेता भी आ गए, जिन्होंने इस घटना लेकर हैरानी जताते हुए राजगोपाल को नसीहतें दे डालीं। केरल भाजपा के नेता केएस राधाकृष्णन ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि राजगोपाल जैसा एक व्यक्ति आखिर केंद्र सरकार के खिलाफ ऐसे हैरान कर देने वाला कदम उठाएगा। मुझे ये बात समझ में नहीं आ रही है। सभी जानते हैं कि एक सदस्य कुछ नहीं कर सकता है, लेकिन उन्हें असंतोष व्यक्त करना चाहिए था। यह भाजपा की इच्छा और भावना के विपरीत है।

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