lumpy virus : लंपी संक्रमण पशुओं के दूध पर मेनका ने चेताया, वैज्ञानिक बोले- डरने की बात नहीं
Lumpy Virus : संसद सदस्य मेनका गांधी ने लंपी वायरस से पीड़ित गायों का दूध बेचने वालों से अपील की है कि औ वो ऐसा दूध ना बेचें जो इंसान की सेहत पर बुरा प्रभाव डाल सकती है।
Maneka Gandhi on Lumpy Virus : देश के कई राज्यों में गाय-भैंसों में 'लंपी वायरस' (Lumpy Virus) का कहर जारी है। हजारों पशुधन इस बीमारी से ग्रसित हो चुके हैं। लोगों में डर भी फ़ैल गया है कि 'लंपी डिजीज से पीड़ित गाय-भैंस के दूध से लोगों में न वायरस फ़ैल जाए। इसी क्रम में सुल्तानपुर से भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सांसद मेनका गांधी (BJP MP Maneka Gandhi) ने लोगों को इस बीमारी के बारे में चेताया है। उन्होंने लोगों को लंपी वायरस से प्रभावित गायों का दूध, दही और उससे बनी मिठाइयां ना खाने की अपील की है।
वहीं, कुछ अंतरराष्ट्रीय अध्ययनों का कहना है कि संक्रमित जानवर से प्राप्त दूध में संक्रामक लंपी डिजीज (Lumpy Disease) उत्पन्न करने वाले वायरस की उपस्थिति का पता लगाना संभव नहीं है। संयुक्त राष्ट्र (UN) के फ़ूड एंड एग्रीकल्चरल आर्गेनाईजेशन (FAO) का कहना है कि एशिया में दूध का एक बड़ा हिस्सा संग्रह के बाद प्रोसेस किया जाता है और दूध पाउडर बनाने के लिए दूध को उबाला, पाश्चुरीकृत या सुखाया जाता है। यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि वायरस निष्क्रिय या नष्ट हो गया है।
संक्रमित मवेशियों का दूध सुरक्षित
भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के संयुक्त निदेशक अशोक कुमार मोहंती का कहना है कि लम्पी डिजीज से संक्रमित मवेशियों से दूध का उपभोग करना सुरक्षित है, क्योंकि बीमारी गैर-जुन्लोटिक यानी जानवरों से मनुष्यों में ट्रान्सफर नहीं होने वाली बीमारी है। संक्रमित मवेशियों से दूध का सेवन मनुष्यों के लिए सुरक्षित है। आईवीआरआई का कहना है कि दूध की गुणवत्ता में कोई समस्या नहीं है, भले ही आप दूध को उबलने के बाद सेवन करें या बिना उबाले।
मेनका गांधी की अपील
संसद सदस्य मेनका गांधी ने लंपी वायरस से पीड़ित गायों का दूध बेचने वालों से अपील की है कि औ वो ऐसा दूध ना बेचें जो इंसान की सेहत पर बुरा प्रभाव डाल सकती है। उन्होंने कहा कि इस वक्त देश के कई प्रदेशों में दुधारू पशुओं में फैली यह बीमारी अत्यंत गंभीर है। एक वीडियो जारी कर मेनका गांधी ने लोगों ने प्रभावित गायों का दूध या उससे बनी मिठाइयां न खाने की अपील की। मेनका गांधी ने कहा, 'लंपी स्किन डिजीज से हजारों गाय-भैंस मर चुकी हैं। इसमें शरीर पर फोड़े बनते हैं। उनसे खून निकलता है। डेयरी वालों ने बहुत सारी गाय-भैंस को बाहर कर दिया है। फिर भी पता चला है कि कुछ डेयरी वाले पशुओं को लंपी स्किन डिजीज होने के बाद उनका दूध निकालकर बेच रहे हैं। यह दूध, मिठाइयों की दुकानों और अन्य जगहों पर जा रहा है।'
'अगर आपने दूध पिया तो...'
मेनका ने लोगों से इस बारे में सावधान रहने और प्रभावित पशुओं के दूध का इस्तेमाल न करने की अपील की। उन्होंने कहा, लंपी ग्रसित पशु का दूध पीने से मानव स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने वीडियो में कहा, 'अगर आपने दूध पिया जो लम्पी प्रभावित गाय का हुआ है तो भगवान जाने आपके शरीर में क्या हो सकता है।'
1929 में मिला था पहला केस
लम्पी डिजीज पहली बार 1929 में जाम्बिया में देखा गया था, जो बाद में बड़े पैमाने पर अधिकांश अफ्रीकी देशों में फैल गया। इसके बाद यह पश्चिम एशिया, दक्षिणपूर्वी यूरोप और मध्य एशिया में फैल गया, और हाल ही में 2019 में दक्षिण एशिया और चीन में इसने पशुओं को संक्रमित किया। एफएओ के अनुसार, ये रोग वर्तमान में अफ्रीका, पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों (इराक, सऊदी अरब, सीरियाई अरब गणराज्य) और तुर्की के कई देशों में है।