BJP Strategy: तीन चुनावी राज्यों में भाजपा की नई रणनीति, दूसरे राज्यों के रिपोर्ट पर तय होंगे उम्मीदवारों के नाम
BJP Strategy: भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि विधायक होने के कारण पार्टी के ये जनप्रतिनिधि चुनावी हालात का सटीक आकलन करने में सक्षम होंगे। पार्टी ने अभी तक मध्य प्रदेश में 39 और छत्तीसगढ़ में 21 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं
BJP Strategy: भारतीय जनता पार्टी इस बार विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनाव में बदली हुई चुनावी रणनीति के साथ मैदान में उतर रही है। पार्टी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनाव की स्थिति का जमीनी आकलन करने के लिए दूसरे राज्यों के विधायकों को तैनात कर दिया है। इन विधायकों को क्षेत्र में संगठन की जमीनी स्थिति, लोगों की राय, प्रतिद्वंद्वी दलों की ताकत, उम्मीदवारों की चुनावी संभावनाएं, क्षेत्र के समीकरण और सियासी माहौल की पूरी जानकारी देने का निर्देश दिया गया है।
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भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि विधायक होने के कारण पार्टी के ये जनप्रतिनिधि चुनावी हालात का सटीक आकलन करने में सक्षम होंगे। पार्टी ने अभी तक मध्य प्रदेश में 39 और छत्तीसगढ़ में 21 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं मगर जानकारी का कहना है कि अब आगे अन्य विधायकों के नाम तय करने में विधायकों की रिपोर्ट बड़ी भूमिका निभाएगी। माना जा रहा है कि इस माह के अंत तक सभी क्षेत्रों से विधायकों की रिपोर्ट शीर्ष नेतृत्व के पास पहुंच जाएगी।
भाजपा का नया प्रयोग क्यों माना जा रहा अहम
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनाव को काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि इसका असर अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव पर भी पड़ना तय माना जा रहा है। इस कारण भाजपा का शीर्ष नेतृत्व विभिन्न चुनावी क्षेत्रों के बारे में कई माध्यमों से जानकारी जुटाने में लगा हुआ है। भाजपा नेतृत्व की ओर से इसके लिए कई तरीके आजमाए जाते रहे हैं मगर इस बार पार्टी नेतृत्व की ओर से दूसरे राज्यों के विधायकों को लगाकर नया प्रयोग किया गया है।
भाजपा नेतृत्व की ओर से मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के हर विधानसभा सीट पर उत्तर प्रदेश समेत दूसरे राज्यों के विधायकों को भेजा गया है। करीब एक हफ्ते के प्रवास के दौरान इन विधायकों को विभिन्न बैठकें करने के साथ ही संपर्क और संवाद के जरिए विधानसभा क्षेत्र के बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा करनी है। क्षेत्र में पार्टी और पार्टी नेताओं के प्रति किसी भी प्रकार के असंतोष या शिकायतों की जानकारी लेने को भी कहा गया है।
रिपोर्ट के आधार पर होगा उम्मीदवारों का फैसला
तीनों राज्यों के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में दूसरे राज्यों के विधायकों का यह प्रवास इस माह के आखिर में समाप्त होने वाला है। इसके बाद इन विधायकों की ओर से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को हर विधानसभा सीट का पूरा ब्योरा और रिपोर्ट भेजी जाएगी।
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इन राज्यों में जिन विधानसभा सीटों पर पार्टी की ओर से अभी तक प्रत्याशी नहीं तय किए गए हैं,उन सीटों पर प्रत्याशियों का फैसला करने में विधायकों की रिपोर्ट काफी महत्वपूर्ण साबित होगी। पार्टी के शीर्ष नेताओं का मानना है कि रिपोर्ट के आधार पर पार्टी विभिन्न क्षेत्रों में अपनी स्थिति का सटीक मूल्यांकन कर सकेगी और उचित उम्मीदवार का फैसला करने में सक्षम हो सकेगी।
राजस्थान में अभी तक पार्टी ने नहीं खोल पत्ते
मध्य प्रदेश में विधानसभा की 230 सीटें हैं और पार्टी ने अभी तक सिर्फ 39 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं। ऐसे में अभी भी 191 सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार घोषित किए जाने हैं। छत्तीसगढ़ में विधानसभा की 90 सीटें हैं और पार्टी ने अभी तक सिर्फ 21 सीटों पर अपने पत्ते खोले हैं। इस तरह अभी 69 सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों का ऐलान होना बाकी है।
राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटें हैं और पार्टी ने अभी तक इस राज्य में एक भी प्रत्याशी का नाम घोषित नहीं किया है। पार्टी के नेता लगातार राज्य का दौरा करने में जुटे हुए हैं। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच मतभेद खत्म होने के बाद कांग्रेस बीजेपी को कड़ी चुनौती देने की कोशिश में जुटी हुई है।
यहां भी विधायकों की ओर से दी गई रिपोर्ट प्रत्याशियों का फैसला करने में प्रभावी भूमिका निभाएगी। भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि तीनों राज्यों में सभी विधानसभा सीटों की रिपोर्ट मिलने के बाद पार्टी बदली हुई रणनीति के साथ कांग्रेस को चुनौती देने की कोशिश करेगी।