समर्पण दिवस : चाय पार्टी से चढ़ा उत्तराखंड का सियासी पारा

Update: 2018-02-12 11:30 GMT

देहरादून : उत्तराखंड में रविवार को एक चाय पार्टी ने सियासी हलचलें तेज़ कर दीं। बीजेपी के समर्पण दिवस समारोह के बाद सांसद निशंक के घर चाय पार्टी दी गई। इस पार्टी से सियासी हलकों में बगावत की बू आने लगी।

रविवार को समर्पण दिवस में प्रदेश बीजेपी ने आयोजन सहयोग निधि अभियान के तहत निर्धारित लक्ष्य 25 करोड़ से अधिक की राशि जमा कर ली। कुल 25 करोड़ 11 लाख 11 हजार रुपए आजीवन सहयोग निधि के लिए प्रदेश भर के कार्यकर्ताओं ने जमा किए। पार्टी इस आयोजन से उत्साहित थी। एक बड़े कार्यक्रम में पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन रामलाल को इस धनराशि का चेक सौंपा गया। जिसे उन्होंने प्रदेश इकाई को वापस लौटा दिया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस कार्यक्रम में अपनी सरकार के 11 महीने के कार्यकाल का लेखा जोखा पेश किया।

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इस कार्यक्रम के ठीक बाद पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार से सांसद निशंक के घर पर हुई चाय पार्टी ने सियासी पारा बढ़ा दिया। पार्टी के करीब दो दर्जन विधायक, मंत्री यशपाल आर्य, पार्टी के सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश के साथ-साथ दो अन्य पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी और विजय बहुगुणा भी इस चाय पार्टी में शामिल हुए। लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस चाय पार्टी में नहीं थे। उनकी गैरमौजूदगी में सवाल खड़े होना लाजिमी था।

चाय पार्टी में शामिल बीजेपी नेताओं का कहना था कि ये बैठक साल 2019 के चुनावों के मद्देनजर की गई थी। लेकिन इसमें प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री की गैरमौजूदगी अपने आप में कई सवाल छोड़ती है। क्या ये त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ कोई नई गोलबंदी थी। इस चाय पार्टी में एक दूसरे के धुर विरोधी भगत सिंह कोश्यारी और निशंक एक दूसरे के साथ खड़े थे। इसके अलावा विजय बहुगुणा की मौजूदगी भी हैरान करने वाली थी।

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