इस विश्व विख्यात मंदिर में बम की सूचना, जांच में जुटा बम निरोधक दस्ता

तमिलनाडु के मदुरै में स्थित मीनाक्षी अम्मन मंदिर में बम रखे जाने की खबर है। बम की सूचना मिलने के बाद मंदिर परिसर को खाली करा दिया गया है। परिसर के अंदर और बाहर तलाशी की जा रही है।

Update: 2019-11-28 12:07 GMT

मदुरै: तमिलनाडु के मदुरै में स्थित मीनाक्षी अम्मन मंदिर में बम रखे जाने की खबर है। बम की सूचना मिलने के बाद मंदिर परिसर को खाली करा दिया गया है। परिसर के अंदर और बाहर तलाशी की जा रही है।

मंदिर के अंदर इस समय प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। जिसके बाद मंदिर के आस-पास सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। अधिकारियों को कल रात मंदिर में बम होने की सूचना मिली थी। बम निरोधक दस्ता क्षेत्र की जांच में जुटा हुआ है। हालांकि अभी तक कोई संदिग्ध वस्तु कही से भी प्राप्त नहीं हुई है।

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क्यों ये मंदिर है खास

माँ मीनाक्षी भगवान शिव की पत्नी पार्वती का अवतार और भगवान विष्णु की बहन भी है। इस मंदिर में मां मीनाक्षी की पूजा बड़े ही हर्षोल्लास के साथ पूरे दक्षिण भारत में करने की परम्परा है।

हिन्दु पौराणिक कथानुसार भगवान शिव सुन्दरेश्वरर रूप में अपने गणों के साथ पांड्य राजा मलयध्वज की पुत्री राजकुमारी मीनाक्षी से विवाह रचाने मदुरई नगर में आये थे।

मीनाक्षी को देवी पार्वती का अवतार माना जाता है। इस मन्दिर को देवी पार्वती के सर्वाधिक पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है। देवी पार्वती ने पूर्व में पाँड्य राजा मलयध्वज, मदुरई के राजा की घोर तपस्या के फलस्वरूप उनके घर में एक पुत्री के रूप में अवतार लिया था। वयस्क होने पर उसने नगर का शासन संभाला। तब भगवान आये और उनसे विवाह प्रस्ताव रखा जो उन्होंने स्वीकार कर लिया।

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देवी पार्वती का अवतार हैं ये देवी

मीनाक्षी को देवी पार्वती का अवतार माना जाता है। इस मन्दिर को देवी पार्वती के सर्वाधिक पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है। देवी पार्वती ने पूर्व में पाँड्य राजा मलयध्वज, मदुरई के राजा की घोर तपस्या के फलस्वरूप उनके घर में एक पुत्री के रूप में अवतार लिया था। वयस्क होने पर उसने नगर का शासन संभाला। तब भगवान आये और उनसे विवाह प्रस्ताव रखा जो उन्होंने स्वीकार कर लिया।

मंदिर का मुख्य गर्भगृह 3500 वर्ष से अधिक पुराना माना जा रहा है। यह मंदिर भी भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। हिंदू पौराणिक ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव सुंदरेश्वर रूप में अपने गणों के साथ पाड्य राजा मलयध्वज की पुत्री राजकुमारी मीनाक्षी से विवाह रचाने मदुरै नगर आए थे। क्योंकि मीनाक्षी देवी मां पार्वती का रुप हैं।

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