मुंबई: मुंबई के सूखे से निपटने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने शराब कंपनियों को दिए जाने वाले पानी में कटौती करने का फैसला सुनाया है। कोर्ट का कहना है कि शराब कंपनियों का पानी 60 फीसदी कम किया जाए। साथ ही कोर्ट ने अन्य उद्योगों को भी मिलने वाले पानी में 25 फीसदी की कमी की जाए। कोर्ट ने यह फैसला मराठवाडा के आठ और उत्तर महाराष्ट्र के पांच जिलों पर लागू है।
किसने दायर की थी याचिका
मराठवाडा में फैले सूखे को देखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता संजय काले ने याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि यह इलाका बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहा है जबकि औरंगाबाद में स्थित 11 शराब कपनियों को हर रोज करीब चार एमएलडी पानी मुहैया कराई जाती है। याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि शराब कारखानों को दिए जाने वाले पानी में को बंद कर देना चाहिए था। हालांकि कोर्ट ने केवल 60 फीसदी कटौती ही किया है।
महाराष्ट्र सरकार के वकील ने रखा अपना पक्ष
महाराष्ट्र सरकार के वकील अमरजीत गिरासे ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सूखे को देखते हुए सरकार ने पहले ही शराब को दिए जाने वाले पानी में 20 प्रतिशत की कटौती कर चुकी है। शराब कारोबार पर करीब ढाई लाख लोगों का रोजगार निर्भर करता है। अतः इस कारोबार को 100 फीसदी पानी बंद करना संभव नहीं है।
कोर्ट ने सुनाया फैसला
कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया कि मौजूदा 20 फीसदी पानी कटौती को बढ़ाकर पहले 50 फीसदी किया जाएगा और महीने के अंत तक इसमें और 10 फीसदी बढ़ोत्तरी होगी। यह कटौती बुधवार से लागू होगी। औरंगाबाद महानगरपालिका हर दिन नाथसागर बांध से 56 MLD पानी उठाती है, जिसमें से 32 MLD पानी उद्योगों को 16 से 19 रु प्रति गैलन की दर पर मुहैया करती है।