बुरहानपुर: शादी के बाद ससुराल पहुंची नई नवेली दुल्हन को एक नई रस्म से रूबरू होना पड़ा। ससुराल पहुंचते ही दूल्हे ने उसका हाथ पकड़कर सबसे पहले टॉयलेट दिखाया।
सामूहिक विवाह सम्मेलन में रखी गई थी ये शर्त
-रविवार को मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में शगीरा बानो मेमोरियल सोशल वेलफेयर सोसायटी ने सामूहिक विवाह सम्मेलन कराया था।
-इस सामूहिक विवाह सम्मेलन में शर्त थी कि अगर लड़के के घर में टॉयलेट नहीं होगा तो शादी नहीं होगी।
-इसमें हिंदू और मुस्लिम समाज के 11 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे।
-जिसमें पांच जोड़ों ने सात फेरे लिए और 6 जोड़ों ने निकाह कबूल किया।
-सभी दूल्हा-दुल्हन ने नलों पर टोटी लगाकर पानी बचाने और स्वच्छता का संकल्प लिया।
-इसके बाद इन्हें विदा किया गया।
दूल्हे के घर में पहले नहीं था टॉयलेट
-इसी सामूहिक विवाह में शिकारपुरा निवासी शेख अनवर ने आजाद नगर निवासी परवीन बानो से निकाह किया।
-अनवर के घर में टॉयलेट नहीं था।
-शादी पक्की होने के बाद परिजन को आने वाली बहू की फिक्र हुई।
-जिसके बाद 6 महीने पहले ही टॉयलेट बनवा लिया गया।
-निकाह के बाद घर पहुंची नई दुल्हन परवीन को दूल्हा अनवर परिजन के साथ टॉयलेट दिखाने पहुंचा।
मुख्यमंत्री विवाह योजना के तहत हुई शादी
-जनपद पंचायत सीईओ राकेश शर्मा ने मुख्यमंत्री विवाह और निकाह योजना के तहत कन्यादान किया।
-जनपद सदस्य प्रतिनिधि और शगीरा बानो मेमोरियल सोशल वेलफेयर सोसायटी अध्यक्ष डॉ. फिरोज बेग ने भोज कराया।
-एमएलए अर्चना चिटनीस, जनपद सदस्य अनवर साहब, मुकेश शाह, अजहर उल हक ने भी दूल्हा-दुल्हन को आशीष दिया।
-शादी से पहले पिता गौतम पवार, मां सुशीला, ननद एकताबाई ने तय किया कि बहू के आने से पहले घर में टॉयलेट जरूरी है।
-हफ्ते भर पहले काम शुरु किया।
-शादी से एक दिन पहले शनिवार को टॉयलेट बनकर तैयार हो गया।
-इस पर 12 हजार रुपए खर्च हुए।
-गणेश ने कहा बहू-बेटी घर आए तो शौच के लिए उनका बाहर जाना ठीक नहीं।
-शादी के दिन ही शाम 7 बजे गणेश ससुराल जाकर वहां भी टॉयलेट बनवाने को कह आया।