माल्या की वापसी: भगौड़े कारोबारी के प्रत्यर्पण पर ब्रिटेन ने कही ये बात
भारत में भगौड़ा घोषित शराब कारोबारी विजय माल्या को सरकार स्वदेश वापस लाने की कवायद में जुटी हुई है। इस बाबत भारत ने ब्रिटेन से माल्या को शरण न देने का अनुरोध किया।
नई दिल्ली: भारत में भगौड़ा घोषित शराब कारोबारी विजय माल्या को सरकार स्वदेश वापस लाने की कवायद में जुटी हुई है। इस बाबत भारत ने ब्रिटेन से माल्या को शरण न देने का अनुरोध किया। वहीं अब ब्रिटेन ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण के लिए कोई समय सीमा निर्धारित न होने की बात कही है। वहीं ये भी कहा कि ब्रिटेन की सरकार अपराधियों को दूसरे देशों में जाकर सजा से बचने के खिलाफ भी है।
ब्रिटिश उच्चायुक्त सर फिलिप बार्टन ने माल्या के प्रत्यर्पण पर दी जानकारी
दरअसल, भारत में नवनियुक्त ब्रिटिश उच्चायुक्त सर फिलिप बार्टन ने गुरुवार को भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को लेकर अपने में एक बयान में कहा कि ब्रिटेन सरकार माल्या को कब तक भारत के सुपुर्द करती है, इसकी कोई तय सीमा नहीं है। लेकिन ब्रिटेन अपराधियों को न्याय से बचकर भागने देने के भी सख्त खिलाफ है।
विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण की समय सीमा तय नहीं
माल्या के ब्रिटेन में शरण मांगने को लेकर ब्रिटिश उच्चायुक्त ने बताया कि उनकी सरकार इस तरह के मुद्दों पर कभी टिप्पणी नहीं करती। बार्टन ने कहा, 'ब्रिटेन की सरकार और अदालतें लोगों के दूसरे देश भागने से रोकने की अपनी भूमिका से बखूबी वाकिफ हैं। हम सभी किसी भी मामले में अपनी भूमिका को लेकर यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि राष्ट्रीय सीमाएं पार कर अपराधी न्याय के दायरे से नहीं बच निकलें।'
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भारत के लिए माल्या का मामला बेहद जरुरी
इसके अलावा माल्या के प्रत्यर्पण को बार्टन ने कानूनी मामला बताते हुए कहा कि ब्रिटेन सरकार का इस पर कोई नया फैसला नहीं है। उन्होंने कहा कि हम वाकिफ हैं कि भारत के लिए माल्या का मामला कितना जरुरी है।
भारत ने ब्रिटेन सरकार से माल्या की शरण की अर्जी स्वीकार न करने का किया अनुरोध
बता दें कि पिछले महीने भारत ने ब्रिटेन से अनुरोध किया था कि वह माल्या के शरण मांगने के किसी भी अनुरोध पर विचार न करें। भारत में माल्या को प्रताड़ित किये जाने का कोई आधार नहीं है।
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लंदन हाईकोर्ट ने माल्या की अपील की थी खारिज़
इसके पहले भारत लाये जाने के खिलाफ माल्या की अपील को लंदन हाईकोर्ट ने खारिज़ कर दिया था। हालाँकि बाद में माल्या ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने की अनुमति लेने वाली याचिका के लिए समय माँगा था।
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बता दे कि 20 अप्रैल को लंदन हाईकोर्ट माल्या की अर्जी पर फैसला सुनाते हुए कहा माल्या ने भारतीय बैंकों को धोखा दिया। उन्होंने माल्या के प्रत्यर्पण किये जाने की बात कही थी।
17 बैंकों का नौ हजार करोड़ लेकर भागा था माल्या
गौरतलब है कि माल्या पर 17 बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपये बकाया है। वह साल 2016 में भारत छोड़कर ब्रिटेन भागा था। भारत ने ब्रिटेन की कोर्ट से माल्या के प्रत्यर्पण की अपील की, जिसके बाद ब्रिटेन की अदालत ने 14 मई को माल्या के भारत प्रत्यर्पण की अपील पर मुहर लगा दी थी।
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