जानिए, नोटबंदी के बाद BSP के खाते में कब-कब और किस तरह जमा हुए 104 करोड़ रुपए ?
2 दिसंबर को अकाउंट में डाली गई रकम 15 करोड़ रुपये। यह रकम नोटबंदी से पहले के बैलेंस से भी अधिक थी। अगले ही दिन यानी 3 दिसंबर को फिर 15 करोड़ 80 लाख डिपॉजिट हुए। एक दिन के गैप के बाद यानी 5 दिसंबर खाते में 17 करोड़ रुपये और डाले गए। अगले दिन 6 दिसंबर को 15 करोड़ रुपये जमा कराये गए।
नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद राजनीतिक तौर पर कालेधन का पहला निशान बसपा पर लगा है। 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद पार्टी के 2 खातों में 100 करोड़ से ज्यादा के पुराने नोट जमा कराए गए हैं। इनमें एक खाता तो बहुजन समाज पार्टी के ही नाम है, दूसरा प्राटी प्रमुख मायावती के भाई के नाम पर है। काले धन पर नजर रखने वाली एजेंसियां इन दोनों खातों की पड़ताल में जुट गई हैं।
खातों पर नजर
-दिल्ली में, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की करोलबाग शाखा के बैंक अकाउंट निगरानी एजेंसियों की पकड़ में आए हैं।
-इनमें एक खाता बसपा के नाम और दूसरा बसपा सुप्रीमो मायावती के भाई आनंद कुमार के नाम है।
-इन दोनों खातों में नोटबंदी की घोषणा के बाद तकरीबन 104 करोड़ रुपए जमा हुए हैं।
-ये सारा धन 1000 और 500 के पुराने नोटों के रूप में जमा कराया गया है।
-नोटबंदी से पहले बसपा के इस अकाउंट में करीब 12 करोड़ रुपए जमा थे।
-नोटबंदी के बाद 10 नवंबर को खाते में पुराने नोट के रूप में 36 लाख रुपए और जमा कराए गए।
-इसके बाद लगभग 3 सप्ताह तक खातों में रकम नहीं डाली गई।
-लेकिन इसके बाद 2 दिसंबर से 9 दिसंबर के बीच बसपा के खाते में करीब 104 करोड़ रुपए जमा करा दिए गए।
-यानी, नोटबंदी के बाद अचानक इस खाते में 12 करोड़ की राशि बढ़ कर करीब 116 करोड़ रुपये हो गई।
-खाते में उबाल
-10 नवंबर को 1000 और 500 के पुराने नोटों के रूप में कुल जमा राशि 36 लाख रुपये।
-2 दिसंबर को अकाउंट में डाली गई रकम 15 करोड़ रुपये। यह रकम नोटबंदी से पहले के बैलेंस से भी अधिक थी।
-अगले ही दिन यानी 3 दिसंबर को फिर 15 करोड़ 80 लाख डिपॉजिट हुए।
-एक दिन के गैप के बाद यानी 5 दिसंबर खाते में 17 करोड़ रुपये और डाले गए।
-फिर अगले ही दिन यानी 6 दिसंबर को 15 करोड़ रुपये की एक और खेप अकाउंट की राशि में जुड़ गई।
-अगले दिन, 7 दिसंबर को 18 करोड़ रुपये जमा कराये गए।
-8 दिसंबर को 18 करोड़ रुपये की एक और खेप बसपा के खाते में जमा कराई गई।
-9 दिसंबर को एक बार फिर 5 करोड़ 20 लाख रुपये अकाउंट में डिपॉजिट किये गये।
-सूत्रों के अनुसार नोटबंदी के बाद बसपा प्रमुख के भाई आनंद कुमार के खाते में भी लाखों रुपए कैश के साथ 1 करोड़ से जयादा की रकम जमा कराई गई।
-सूत्रों के अनुसार एजेंसियों को आनंद कुमार के अन्य खातों के बारे में भी इसी तरह की जानकारी मिली है।
राजनीतिक दल बताते हैं चंदा
-राजनीतिक दलों को आयकर कानून के तहत चंदे में मिलने वाले धन पर छूट होती है।
-बसपा के खात में जमा राशि चंदे में मिली रकम के रूप में दिखाई जा सकती है।
-लेकिन 20 हजार से ज्यादा का चदा कैश में नहीं होना चाहिए।
-इस राशि का विवरण पार्टी को चुनाव आयोग के सामने भी रखना पड़ता है।