Budget 2023: रियल्टी क्षेत्र को राहत की काफी उम्मीदें, यहां देखें क्या होगा बजट में आपके लिए इस बार
Budget 2023: सभी सेक्टरों को उम्मीद है कि सरकार अगले कुछ वर्षों में पांच ट्रिलियन के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कदम उठाएगी ।
Budget 2023: केंद्रीय बजट 2023 की थीम विकास, सुधार और समर्थन के इर्द-गिर्द घूमने की उम्मीद है। सभी सेक्टरों को उम्मीद है कि सरकार अगले कुछ वर्षों में पांच ट्रिलियन के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कदम उठाएगी । जिसमें खपत को बढ़ावा देने वाले उपायों को प्रोत्साहन देना सबसे ऊपर है।
एसओपी की घोषणा की उम्मीद
सभी के लिए आवास को बढ़ावा देने के सरकार के एजेंडे और बढ़ती दरों को देखते हुए, आगामी बजट में घर खरीदारों के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेस) की घोषणा किए जाने की काफी संभावना है। सरकार की पहल, जैसे कि पहली बार घर खरीदने वालों के लिए कर लाभ का विस्तार और किफायती आवास परियोजनाओं में लगे डेवलपर्स के लिए रियायतें – ये दोनों रियल स्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देंगे और भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे।
होम लोन पर ब्याज पर कटौती
रियल स्टेट सेक्टर चाहता है कि आयकर अधिनियम की धारा 24 के तहत गृह ऋण पर ब्याज भुगतान के खिलाफ 2 लाख रुपये की कटौती सीमा में वृद्धि की जाए। अफोर्डेबल हाउसिंग सेक्टर में आवास खरीदारों के लिए प्राइम सेगमेंट के खरीदारों की तुलना में कटौती ज्यादा हो सकती है। इससे घर खरीदारों को लाभ होगा। विशेष रूप से किफायती सेगमेंट में आवास की मांग में तेजी आएगी।
किफायती आवास की परिभाषा
किफायती आवास को आकार, मूल्य और आय स्तर के आधार पर परिभाषित किया गया है। सरकार क्षेत्रीय मापदंडों के आधार पर किफायती आवास मानदंड को फिर से परिभाषित करने पर विचार कर सकती है। जबकि इसकी परिभाषा के अनुसार इकाइयों का आकार (60 वर्ग मीटर कारपेट एरिया) उपयुक्त है, इकाइयों की कीमत (45 लाख रुपये तक) अधिकांश शहरों में व्यवहार्य नहीं है। इसलिए इस गणना में कुछ संशोधन की उम्मीद की जा सकती है।
ये भी उम्मीदें
- इनकम टैक्स एक्ट का मौजूदा सेक्शन हाउसिंग के संबंध में किसी तरह की राहत नहीं देता, जबकि यह ऐसा खर्च है जो हर करदाता की जिंदगी में बहुत लंबे समय तक बना रहता है। अलग से प्रिंसिपल रिपेमेंट पर डेढ़ लाख रुपये की कटौती देने से ज्यादा से ज्यादा लोगों के घर खरीदना आसान हो जाएगा।
- दूसरा सुझाव है कि होम सेक्शन 24 के तहत होम लोन डिडक्शन में इजाफा। फिलहाल होम लोन इंटरेस्ट पर 2 लाख रुपये का डिडक्शन मिलता है । इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये पर किया जा सकता है। मौजूदा घर को बेचने से हुए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स वाले नियमों में कुछ राहत, सेक्शन 80 आईबीए रजिस्ट्रेशन टाइमलाइन की दोबारा शुरुआत और 50 लाख रुपये तक के घरों पर 3 लाख की रेंटल इनकम पर छूट जैसे उपाय किए जा सकते हैं।
- रेंटल हाउसिंग सेगमेंट यानी किराये के मकान के लिए रियल एस्टेट उद्योग की उम्मीद है कि रेंटल हाउसिंग पॉलिसी को अंतिम रूप दिया जाएगा । क्योंकि यह सभी के लिए आवास के लक्ष्य को प्राप्त करने में रेंटल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए एक गेम-चेंजर होगा।
- हाल के सालों में को वर्किंग स्पेसेज के बिजनेस में भारी भरकम ग्रोथ नजर आई है। शुरुआती दिनों में शेयर्ड वर्किंग स्पेस का मकसद छोटे बिजनेसेज, एकल उद्यमी तथा फ्रीलांसर्स को जेहन में रखकर शुरू किया गया था। मगर बीते कुछ समय में कॉरपोरेट्स भी को-वर्किंग स्पेस में लीज लेकर काम कर रहे हैं। बढ़ती डिमांड को देखते हुए अगर बजट में लीजिंग और रेंटिंग में टैक्स पर छूट मिल जाए इंडस्ट्री को ग्रोथ के लिए फायदेमंद होगा।