CAA: देश में आज से लागू हो सकता है सीएए, तीन मुल्कों के छह प्रवासी समुदायों को मिलेगी भारत की नागरिकता
CAA: केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले देश में सीएए को लागू करने जा रही है। सूत्रों की मानें तो आज केंद्र सरकार की तरफ से इसका नोटिफिकेशन जारी हो सकता है। इसके बाद आज से ही देश में सीएए लागू हो जाएगा।
CAA: 2024 के लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कुछ ही दिनों में हो सकता है। ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू करने जा रही है। सूत्रों की मानें तो सोमवार रात को केंद्र सरकार की तरफ से इसका नोटिफिकेशन जारी हो सकता है। इसके बाद आज से ही देश में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए लागू हो जाएगा।
दरअसल, CAA संसद से पारित हुए करीब पांच साल बीत चुके हैं। अब केंद्र सरकार आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले इसको देश में लागू करने जा रही है।
गृह मंत्री अमित शाह अपने चुनावी भाषणों में कई बार नागरिकता संशोधन कानून या सीएए को लागू करने की बात कर चुके हैं। कुछ दिनों पहले ही उन्होंने ऐलान किया था कि लोकसभा चुनाव से पहले इसे लागू कर दिया जाएगा। ऐसे में सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्रालय की तरफ से इसे लागू करने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और अब किसी भी समय इसका नोटिफिकेशन जारी हो सकता है।
तीन मुस्लिम देशों के अस्पसंख्यकों को मिलेगी नागरिकता
सीएए के तहत मुस्लिम समुदाय को छोड़कर तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी देशों से आने वाले बाकी धर्मों के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है। केंद्र सरकार ने सीएए से संबंधित एक वेब पोर्टल भी तैयार कर लिया है, जिसे नोटिफिकेशन के बाद लॉन्च किया जाएगा। तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी देशों से आने वाले वहां के अल्पसंख्यकों को इस पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा और सरकारी जांच पड़ताल के बाद उन्हें कानून के तहत नागरिकता दी जाएगी। इसके लिए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए विस्थापित अल्पसंख्यकों को कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी।
2019 में केंद्र सरकार ने कानून में किया था संशोधन
2019 में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने नागरिकता कानून में संशोधन किया था। इसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 से पहले आने वाले छह अल्पसंख्यकों (हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी) को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया था। नियमों के मुताबिक, नागरिकता देने का अधिकार केंद्र सरकार के हाथों में होगा।
2020 से लिया जा रहा एक्सटेंशन
बता दें कि संसदीय प्रक्रियाओं की नियमावली के अनुसार किसी भी कानून के नियम राष्ट्रपति की सहमति के 6 महीने के भीतर तैयार किए जाने चाहिए। ऐसा ना होने पर लोकसभा और राज्यसभा में अधीनस्थ विधान समितियों से विस्तार की मांग की जानी चाहिए। सीएए के केस में 2020 से गृह मंत्रालय नियम बनाने के लिए संसदीय समितियों से नियमित अंतराल में एक्सटेंशन लेता रहा है।
9 राज्यों में दी जा रही है कि नागरिकता
पिछले दो साल में 9 राज्यों के 30 से अधिक जिला मजिस्ट्रेटों और गृह सचिवों को नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देने की शक्तियां दी गई हैं। गृह मंत्रालय की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक 1 अप्रैल 2021 से 31 दिसंबर 2021 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के इन गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों के कुल 1,414 विदेशियों को भारतीय नागरिकता दी गई है। जिन 9 राज्यों में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी गई है, वे गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र हैं।