Cabinet on MSP: मोदी सरकार की किसानों को सौगात, 14 खरीफ फसलों की MSP बढ़ाई गई

Cabinet on MSP: नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ी सौगात दी है। केंद्र सरकार ने 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मुल्य में बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2022-06-08 13:52 GMT

खरीफ फसल।

Cabinet on MSP: जलवायु परिवर्तन और महंगाई की मार झेल रहे अन्नदाताओं को नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Governmnet) ने बड़ी सौगात दी है। केंद्र सरकार (Central Government) ने 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मुल्य (MSP) में बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है। बुधवार को सरकार की आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) की बैठक में इसे मंजूरी दी गई। मोदी सरकार (Modi Government) ने यह निर्णय किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए लिया है। साल 2022-23 के लिए खरीफ फसलों का एमएसपी बढ़ने से किसानों को अब बढ़े हुए दाम पर अपनी फसल को बेचने का मौका मिलेगा।

केंद्रीय मंत्री ने गिनाए किसान हितैषी कदम

कैबिनेट की बैठक की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Union Minister Anurag Thakur) ने कहा, खरीफ की 17 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मुल्य बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। किसान सम्मान निधि के तहत 2 लाख करोड़ रूपया किसानों के खाते में जा चुका है। खाद पर दो लाख करोड़ से अधिक की सब्सिडी दी गई है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में कृषि बजट भी बढ़कर 1 लाख 26 हजार करोड़ रूपया हो गया है। अनुराग ठाकुर ने इस दौरान बड़ा दावा करते हुए कहा कि बीते 8 सालों में किसानों की आय बढ़ी है।

इन फसलों पर इनती बढ़ी एमएसपी

  • मूंग 480
  • उड़द 300
  • धान 100
  • मूंगफली 300
  • बाजरा 100
  • अरहर 300
  • ज्वार 232
  • सूरजमुखी 385
  • तिल 523

क्या होता है एमएसपी

न्यूनतम समर्थन मुल्य (MSP) वह न्यूनतम मूल्य है जिस पर सरकार किसानों से फसल खरीदती है। इससे कम कीमत पर सरकार किसानों से फसल नहीं खरीद सकती। किसी फसल का एमएसपी इसलिए तय किया जाता है ताकि किसानों को किसी भी हालत में उनकी फसल के लिए एक वाजिब न्यूनतम कीमत मिलती रहे। न्यूनतम समर्थन मुल्य (MSP) की घोषणा सरकार की तरफ से कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिश पर साल में दो बार रबी और खरीफ के सीजन में किया जाता है।

बता दें कि बीते साल किसानों ने तीन कृषि कानूनों की वापसी के साथ – साथ न्यूनतम समर्थन मुल्य (MSP) को लेकर भी बड़ा आंदोलन किया था। अब भी किसान संगठन इसे लेकर सरकार को चेतावनी देते रहते हैं। केंद्र सरकार के हालिया कदम को इससे भी जोड़कर देखा जा रहा है। 

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