कृपया ध्यान दें! रेलवे की हालत नाजु़क, सामने आई यह बड़ी रिपोर्ट

लगातार घाटे में चल रही रेलवे की स्थिति दिन प्रतिदिन और ही विकट होती जा रही है। खबर है कि भारतीय रेल का परिचालन अनुपात वित्त वर्ष 2017-18 में 98.44 प्रतिशत दर्ज किया गया जो पिछले 10 वर्षो में सबसे खराब है।

Update:2019-12-02 22:34 IST

नई दिल्ली: लगातार घाटे में चल रही रेलवे की स्थिति दिन प्रतिदिन और ही विकट होती जा रही है। खबर है कि भारतीय रेल का परिचालन अनुपात वित्त वर्ष 2017-18 में 98.44 प्रतिशत दर्ज किया गया जो पिछले 10 वर्षो में सबसे खराब है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट से बात सामने आई है, रेलवे में इस परिचालन अनुपात का तात्पर्य यह है कि रेलवे ने 100 रूपये कमाने के लिये 98.44 रूपये व्यय करने पड़े हैं।

सामने आई यह रिपोर्ट...

दरअसल, रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रेल का परिचालन अनुपात वित्त वर्ष 2017-18 में 98.44 प्रतिशत रहने का मुख्य कारण पिछले वर्ष 7.63 प्रतिशत संचालन व्यय की तुलना में उच्च वृद्धि दर का 10.29 प्रतिशत होना है।

वित्त वर्ष 2012-13 में सबसे बेहतर अनुपात...

इसमें बताया गया है कि वित्त वर्ष 2008-09 में रेलवे का पुप12523रिचालन अनुपात 90.48 प्रतिशत था जो 2009-10 में 95.28 प्रतिशत, 2010-11 में 94.59 प्रतिशत, 2011-12 में 94.85 प्रतिशत, 2012-13 में 90.19 प्रतिशत, 2013-14 में 93.6 प्रतिशत, 2014-15 में 91.25 प्रतिशत, 2015-16 में 90.49 प्रतिशत, 2016-17 में 96.5 प्रतिशत तथा 2017-18 में 98.44 प्रतिशत दर्ज किया गया।

कैग की रिपोर्ट...

इसके साथ ही कैग की रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि रेलवे को आंतरिक राजस्व बढ़ाने के लिए उपाय करने चाहिए ताकि सकल और अतिरिक्त बजटीय संसाधनों पर निर्भरता रोकी जा सके

बाजार से प्राप्त निधियों का उपयोग करे रेलवे...

इसमें सिफारिश की गई है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान रेल द्वारा वहन किए गए पूंजीगत व्यय में कटौती हुई है, रेलवे पिछले दो वर्ष में आईबीआर-आईएफ के तहत जुटाए गए धन को खर्च नहीं कर सका।

रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे बाजार से प्राप्त निधियों का पूर्ण रूप से उपयोग करना सुनिश्चित करे।

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