कोरोना को लेकर केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार में ठनी, कोर्ट ने सुनाया ये सख्त फरमान

कोरोना वायरस का प्रकोप देश भर में लगातार बढ़ता ही जा रहा है। साथ ही नये मरीजों के मिलने और मौत के आंकड़े में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इन सबके बीच बीच केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार में कुछ मुद्दों को लेकर तनातनी शुरू गई है।

Update: 2020-04-22 05:20 GMT

नई दिल्ली: कोरोना वायरस का प्रकोप देश भर में लगातार बढ़ता ही जा रहा है। साथ ही नये मरीजों के मिलने और मौत के आंकड़े में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इन सबके बीच बीच केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार में कुछ मुद्दों को लेकर तनातनी शुरू गई है।

वहीं कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस बीच राज्य सरकार को निर्देश देते हुए कहा है कि किसी भी शव को दफनाने या जलाने के लिए डब्ल्यूएचओ और भारत सरकार के द्वारा जारी गाइड लाइंस का जरूर पालन किया जाए।

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डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस का पालन हो

कोर्ट ने आदेश में कहा है कि, ‘वायरस को फैलने से रोकने के लिए और इसके खतरे को कम करने के लिए जरूरी है कि दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए।

एक याचिका पर सुनवाई करते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जस्टिस टी। चक्रवर्ती ने निर्देश दिया कि राज्य सरकार को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि जिस भी व्यक्ति की मौत हो रही है, उसका डेथ सर्टिफिकेट तैयार किया जाए।

बता दे कि 8 जून 2020 को जब इस मसले पर अगली सुनवाई होगी, तो इसे काबू करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं उसकी जानकारी अदालत को देनी होगी’।

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3 अप्रैल की घटना का जिक्र

गौरतलब है कि वरिष्ठ वकील समरजीत रॉय चौधरी ने कोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए हावड़ा के कुछ केस का जिक्र किया था। याचिका में इस बात का जिक्र किया गया था कि 3 अप्रैल को हावड़ा में प्रशासन ने एक शव को दफनाने दिया’।

उसकी मौत कोरोना वायरस से हुई थी। उसके पास कोई मृत्यु प्रमाण पत्र भी नहीं था। इसे डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी गाइड लाइंस का उल्लंघन माना गया है।

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