CBIC के 22 अधिकारियों को केंद्र सरकार ने जबरन किया रिटायर, ये है वजह

यह अधिकार सरकार के पास होता है। ऐसे में वह इस कैटेगरी में आने वाले अधिकारियों को कंपलसरी रिटायरमेंट दे सकती है। सरकार कंपलसरी रिटायरमेंट उन अधिकारियों को देती है, जिनका काम अच्छा नहीं होता या वह किसी काम के नहीं होते हैं। फंडामेंटल रूल 56 भारत में काफी समय से लागू है।

Update: 2019-08-26 07:09 GMT

नई दिल्ली: सरकारी विभागों से भ्रष्‍टाचार और अन्य मामलों के आरोपी अफसरों को मोदी सरकार लगातार निकाल रही है। इसी क्रम में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के 22 सीनियर पोस्ट पर तैनात अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट यानि कंपलसरी रिटायरमेंट दे दिया है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार ने सुपरिटेंडेंट और एओ रैंक के 22 अधिकारियों को जबरन रिटायर किया है। बता दें, केंद्र की मोदी सरकार ने डामेंटल रूल 56 (J) के तहत ये फैसला लिया है। वैसे ये पहला मौका नहीं है जब केंद्र सरकार ने इस तरह का फैसला लिया हो।

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इससे पहले भी सरकार ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के 15 अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया था। तब जिन अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया, उसमें CBIC के प्रधान आयुक्त, आयुक्त, और उपायुक्त रैंक के अधिकारी शामिल थे। बता दें, इन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार, घूसखोरी के आरोप लगे हैं।

यहां जानें फंडामेंटल रूल 56 का मतलब

ऐसे अधिकारियों पर फंडामेंटल रूल 56 इस्तेमाल किया जाता है, जिनकी उम्र 50 से 55 साल की हो और उनका 30 साल का कार्यकाल पूरा हो चुका हो। यह अधिकार सरकार के पास होता है। ऐसे में वह इस कैटेगरी में आने वाले अधिकारियों को कंपलसरी रिटायरमेंट दे सकती है। सरकार कंपलसरी रिटायरमेंट उन अधिकारियों को देती है, जिनका काम अच्छा नहीं होता या वह किसी काम के नहीं होते हैं। फंडामेंटल रूल 56 भारत में काफी समय से लागू है।

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