केंद्र ने SPG नियमों को किया सख्त, गांधी परिवार ने तोड़ा तो रद्द होगी सुरक्षा
सरकार के इस फैसले को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और गांधी परिवार के अन्य सदस्यों के दौरों से जोड़ कर देखा जा रहा है। देश में प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्रियों को एसपीजी सुरक्षा दी जाती रही है।
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की सुरक्षा पाने वाले लोगों के लिए नया दिशा-निर्देश जारी किया है।
केंद्र सरकार ने कहा है कि एसपीजी कवर रूल के किसी भी नियम को हल्के में नहीं लिया जा सकता।
सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि एसपीजी सुरक्षा पाए लोग जब भी विदेश यात्रा करेंगे, तब उनके साथ एसपीजी सुरक्षाकर्मी मौजूद रहेंगे।
अगर एसपीजी सुरक्षा पाने वाले अपने विदेश यात्रा के दौरान एसपीजी को साथ लेकर नहीं जाते हैं तो उनकी यात्रा को रद्द भी किया जा सकता है।
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दिशा -निर्देश को गांधी परिवार से जोड़कर देखा जा रहा है
सरकार के इस फैसले को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और गांधी परिवार के अन्य सदस्यों के दौरों से जोड़ कर देखा जा रहा है।
देश में प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्रियों को एसपीजी सुरक्षा दी जाती रही है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी एसपीजी सुरक्षा दी जाती थी, लेकिन हाल ही में उनकी सुरक्षा थोड़ी कम करते हुए जेड प्लस श्रेणी में तब्दील कर दी गई।
वर्तमान में एसपीजी सुरक्षा की सुविधा पीएम मोदी के अलावा गांधी परिवार को मिलती है।
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महसचिव प्रियंका गांधी को यह सुविधा दी गई है।
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गांधी परिवार के लिए जारी हुए ये दिशा निर्देश
केंद्र सरकार ने गांधी परिवार को सुरक्षा देने वाले स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) को नए दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं।
केंद्र की ओर से गांधी परिवार के किसी भी सदस्य के विदेश यात्रा पर जाने के दौरान पूरे समय उनके लिए एसपीजी सुरक्षा अनिवार्य कर दी गई है।
यही नहीं, अगर वे इसे स्वीकार नहीं करते हैं तो सुरक्षा कारणों के मद्देनजर उनकी विदेश यात्रा में कटौती भी की जा सकती है।
बता दें कि अब तक एसपीजी सुरक्षाकर्मी पहले विदेशी डेस्टिनेशन तक ही गांधी परिवार के साथ जाते थे।
इसके बाद गांधी परिवार के सदस्य अपनी निजता का हवाला देकर सभी सुरक्षाकर्मियों को वापस भारत लौटा देते थे।
इससे आगे की विदेश यात्रा के दौरान उनके लिए जोखिम बढ़ जाता था।
एसपीजी क्या होता है?
विशेष सुरक्षा दल (एसपीजी) देश की सबसे पेशेवर एवं आधुनिकतम सुरक्षा बलों में से एक है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
एसपीजी देश के पीएम के साथ भारत दौरे पर आए अति विशिष्ट अतिथि की सुरक्षा का जिम्मा संभालती है।
इसके अलावा गांधी परिवार को भी ये सुरक्षा दी जाती है।
विशेष सुरक्षा दल (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप –जी) को 02 जून, 1988 में भारत की संसद के एक अधिनियम द्वारा बनाया गया था।
इसके जवानों का चयन पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स (बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, सीआरपीएफ) से किया जाता है।
एसपीजी को देश की सबसे पेशेवर एवं आधुनिकतम सुरक्षा बलों में एक माना जाता है। जिसकी सुरक्षा को अमेरिकी राष्ट्रपति के बराबर माना जाता है।
क्या होते हैं हथियार
इसके कमांडो ऑटोमेटिक गन एफएनएफ -2000 असॉल्ट राइफल से लैस होते हैं। कमांडोज के पास ग्लोक 17 नाम की एक पिस्टल भी होती है।
ये एक लाइट वेट बुलेटप्रूफ जैकेट पहनते हैं। एसपीजी के जवान हाई ग्रेड बुलेटप्रूफ वेस्ट पहने होते हैं, जो लेवल-3 केवलर की होती है। इसका
वजन 2.2 किग्रा होता है और यह 10 मीटर दूर से एके 47 से चलाई गई 7.62 कैलिबर की गोली को भी झेल सकती है।
खास चीजों से होते हैं लैस
साथी कमांडो से बात करने के लिए कान में लगे ईयर प्लग या फिर वॉकी-टॉकी का सहारा लेते हैं।
यहां तक की इनके जूते भी काफी अलग होते हैं। ये किसी भी जमीन पर नहीं फिसलते।
ये खास तरह के दस्ताने पहनते हैं। जिससे चोट से उनका बचाव होता है।
ये कमांडोज चश्मा भी पहनते हैं, जो उनकी आखों को हमले से बचाते हैं और किसी भी प्रकार का डिस्ट्रैक्शन नहीं होने देता हैं।
एसपीजी सुरक्षा किसे दी जाती है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा एसपीजी अब गांधी परिवार के सदस्यों की सुरक्षा करती है। ये हर जगह, हर समय सुरक्षा में लगे होते हैं।
हालांकि इसका जिम्मा पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार को भी सुरक्षा मुहैया कराने का होता है लेकिन इसकी समय सीमा तय है।
आमतौर पर पूर्व प्रधानमंत्री को पांच साल तक ये सुरक्षा प्रदान करती है फिर इसकी समीक्षा की जाती है।
हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी परिवार को एसपीजी सुरक्षा खत्म करके उन्हें जेड प्लस सुरक्षा दी गई है।
कैसे काम करती है एसपीजी
एसपीजी के जवानों को वर्ल्ड क्लास ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है। ये वही ट्रेनिंग है जो युनाइटेड स्टेट सीक्रेट सर्विस एजेंट्स को दी जाती है।
हमले की सूरत में सेकंड कार्डन की जिम्मेदारी होती है कि वह पीएम के चारों ओर घेरा बनाकर खड़े जवानों को सिक्यॉरिटी कवर दें ताकि प्रधानमंत्री को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।
एसपीजी के जवानों के साथ पीएम के काफिले में एक दर्जन गाड़ियां होती हैं, जिसमें बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज की सिडान, 6 बीएमडब्ल्यू एक्स3 और एक मर्सिडीज बेंज होती है। इसके अलावा मर्सिडीज बेंज ऐंम्बुलेंस, टाटा सफारी जैमर भी इस काफिले में शामिल होती है।
कैसे हुआ गठन
1981 से पहले भारत के प्रधानमंत्री के आवास पर प्रधानमंत्री की सुरक्षा पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) के प्रभारी दिल्ली पुलिस के विशेष सुरक्षा जिले की जिम्मेदारी हुआ करती थी।
अक्टूबर 1981 में, इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) द्वारा, नई दिल्ली में और नई दिल्ली के बाहर प्रधानमंत्री को सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) का गठन किया गया।
अक्टूबर 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद तय किया गया कि एक विशेष समूह को प्रधानमंत्री की सुरक्षा का दारोमदार संभालना चाहिए। इसके बाद एसपीजी के गठन की प्रक्रिया शुरू हुई।
18 फरवरी 1985 को गृह मंत्रालय ने बीरबल नाथ समिति की स्थापना की. मार्च 1985 में बीरबल नाथ समिति ने एक स्पेशल प्रोटेक्शन यूनिट (एसपीयू) के गठन के लिए सिफारिश पेश की।
30 मार्च 1985, को भारत के राष्ट्रपति ने कैबिनेट सचिवालय के तहत इस यूनिट के लिए 819 पदों का निर्माण किया। इसे नाम दिया गया स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप।
कौन होता है इसका प्रमुख
एसपीजी के प्रमुख का पद तीन साल के निश्चित कार्यकाल के लिए बनाया गया है। एसपीजी फोर्स कैबिनेट सचिवालय के तहत काम करती है। इसका प्रमुख डायरेक्टर रैंक का आईपीएस अफसर होता है। इसका मुख्यालय पीएम हाउस में ही होता है।
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