मिट्टी में मिलाया जा रहा चंद्रबाबू नायडू का जनता दरबार 'प्रजा वेदिका'
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू की बनाई गई बिल्डिंग 'प्रजा वेदिका' को तोड़ा जा रहा है। इस बिल्डिंग में चंद्रबाबू नायडू अधिकारियों, पार्टी नेताओं के साथ मीटिंग करने के अलावा जनता दरबार लगाते थे।
नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू की बनाई गई बिल्डिंग 'प्रजा वेदिका' को तोड़ा जा रहा है। इस बिल्डिंग में चंद्रबाबू नायडू अधिकारियों, पार्टी नेताओं के साथ मीटिंग करने के अलावा जनता दरबार लगाते थे।
विदेश यात्रा से लौटने के बाद चंद्रबाबू नायडू 'प्रजा वेदिका' के बगल में स्थित अपने आवास में मौजूद हैं। मौके पर टीडीपी के सैकड़ों कार्यकर्ता भी मौजूद हैं। विरोध के बीच एक जेसीबी, 6 ट्रक और 30 मजदूर बिल्डिंग को तोड़ रहे हैं।
यह भी देखें... हरिद्वार: स्वामी सत्यमित्रानंद की भू-समाधि में शामिल होंगे योगी आदित्यनाथ
'प्रजा वेदिका' चंद्रबाबू नायडू के बंगले से सटा है। इसे वो अपने मुख्यमंत्री काल में कार्यालय की तरह इस्तेमाल करते थे और जनता के साथ-साथ अधिकारियों से रूबरू होते थे। इसे अमरावती कैपटल डेवलपमेंट ऑथोरिटी ने बनवाया था और अब जगनमोहन रेड्डी सरकार ने इसे तोड़ने का फैसला किया क्योंकि इसका निर्माण नदी तट पर 'ग्रीन' नियमों के खिलाफ हुआ है।
मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने 'प्रजा वेदिका' को तोड़ने का आदेश दिया था, जिस पर प्रशासन ने मंगलवार देर रात से कार्रवाई शुरू कर दी है। आज यानी बुधवार को भी बिल्डिंग तोड़ने का काम किया जा रहा है। इससे पहले चंद्रबाबू नायडू ने 'प्रजा वेदिका' को विपक्ष के नेता का सरकारी आवास घोषित करने की मांग की थी, लेकिन सीएम जगन मोहन रेड्डी ने मांग को ठुकरा दिया था।
प्रजा वेदिका था मुख्यमंत्री आवास के रूप में
प्रजा वेदिका का निर्माण सरकार ने आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एपीसीआरडीए) के जरिए तत्कालीन मुख्यमंत्री आवास के रूप में किया था। पांच करोड़ रुपए में बने इस आवास का इस्तेमाल नायडू आधिकारिक कार्यों के साथ ही पार्टी की बैठकों के लिए करते थे।
यह भी देखें... हरिद्वार: पद्मभूषण स्वामी सत्यमित्रानंद का निधन, आज दी जाएगी भू-समाधि
सीएम जगन मोहन रेड्डी के बिल्डिंग तोड़ने के आदेश के बाद विपक्ष ने कई आरोप लगाए। टीडीपी नेता और विधान परिषद के सदस्य अशोक बाबू ने कहा था कि सरकारी कर्मचारियों ने नायडू के निजी सामानों को बाहर फेंक दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि परिसर को कब्जे में लेने के सरकार के निर्णय के बारे में पार्टी को बताया तक नहीं गया।
प्रजा वेदिका को तोड़ने के आदेश पर आंध्र प्रदेश के नगरपालिका मंत्री बोत्सा सत्यनारायण ने तंज कसते हुए कहा था कि नायडू के साथ उसी तरह का बर्ताव किया जाएगा, जिस तरह का बर्ताव जगन मोहन रेड्डी के साथ किया गया था, जब वह नेता प्रतिपक्ष थे।