चंद्रयान-3 की कामयाबी पर PM मोदी बोले-अंतरिक्ष में नए भारत की नई उड़ान,अब चंदा मामा दूर के नहीं,बस एक टूर के
Chandrayaan 3 Successful Landing: भारत से पहले चंद्रमा पर केवल रूस,अमेरिका और चीन अपने यान की सॉफ्ट लैंडिंग कर सके हैं मगर देश के लिए गर्व की बात यह है कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर हुई है जहां आज तक कोई देश नहीं पहुंच सका।
Chandrayaan 3 Successful Landing: भारत के चंद्रायन-3 के लेंडर ने आज शाम चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कदम रखकर इतिहास रच दिया। लैंडर को काफी धीरे-धीरे उतारा गया और चंद्रमा की अंतिम कक्षा से उसने 20 मिनट में 25 किलोमीटर का सफर तय किया। भारत के इस मून मिशन की कामयाबी के बाद पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई। जगह-जगह लोग जश्न मनाने में डूब गए। भारत से पहले चंद्रमा पर केवल रूस,अमेरिका और चीन अपने यान की सॉफ्ट लैंडिंग कर सके हैं मगर देश के लिए गर्व की बात यह है कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर हुई है जहां आज तक कोई देश नहीं पहुंच सका।
भारत की इस अभूतपूर्व उपलब्धि को देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग शहर से वचुर्अल माध्यम के जरिए भारतीय अंतरिक्ष केंद्र अनुसंधान (ISRO) केंद्र से जुड़े। प्रधानमंत्री मोदी ने इस देश के लिए गर्व का पल बताते हुए इसरो और वैज्ञानिकों की टीम के साथ ही देशवासियों को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज इस कामयाबी से जीवन धन्य हो गया है और यह क्षण जीत के पथ पर चलने का है। उन्होंने कहा कि हम अंतरिक्ष में नए भारत की नई उड़ान के साक्षी बने हैं।
हम वहां पहुंच गए,जहां कोई नहीं पहुंच सका
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अपने वैज्ञानिकों के परिश्रम के दम पर आज हम चंद्रमा के उस दक्षिणी ध्रुव पर पर पहुंच गए हैं जहां आज तक कोई नहीं पहुंच सका। उन्होंने कहा कि अब आज से सारे मिथक बदल जाएंगे। हम धरती को मां और चांद को मामा कहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें अब तक यही बताया जाता रहा है कि चंदा मामा दूर के मगर अब चंदा मामा हमसे दूर नहीं रह गए हैं। एक दिन ऐसा आएगा जब बच्चे कहेंगे कि चंदा मामा बस एक टूर के हैं। उन्होंने कहा कि ये पल 140 धड़कनों का है और यही कारण है कि आज देश के हर घर में उत्सव शुरू हो गया है।
विकसित भारत के शंखनाद का पल
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब हम अपनी आंखों के सामने ऐसा इतिहास बनते हुए देखते हैं तो जीवन धन्य हो जाता है। यह पल हमारे लिए अविश्वसनीय और अद्भुत है। यह पल विकसित भारत के शंखनाद का और मुश्किलों के महासागर को पार करने का है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने धरती पर संकल्प लेने के बाद चांद पर उसे साकार करने में कामयाबी हासिल की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका में हूं मगर हर देशवासी की तरह मेरा मन भी चंद्रयान-3 के महाअभियान में ही लगा हुआ था। चंद्रयान के नया इतिहास बनाने के साथ ही हर देशवासी जश्न में डूब गया है। मैं भी अपने देशवासियों और परिवार जनों के साथ उल्लास और उमंग के इस क्षण में जुड़ा हुआ हूं।
अब सूर्य और शुक्र से जुड़े मिशन हैं टारगेट
चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत का सफल चंद्रमा मिशन अकेले भारत का नहीं है बल्कि यह सफलता पूरी मानवता की है। चंद्रयान महाअभियान की यह उपलब्धि भारत की उड़ान को चंद्रमा की कक्षाओं से आगे ले जाएगी। अब हम सौरमंडल की सीमाओं की सामर्थ्य को भी परखेंगे। इसके साथ ही मानव के लिए ब्रह्मांड की अनेक संभावनाओं को साकार भी करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब सूर्य और शुक्र से जुड़े मिशन की बारी है। हमने भविष्य के लिए कई बड़े महत्वाकांक्षी मिशन तय कर रखे हैं। जल्द ही सूर्य के विस्तारित अध्ययन के लिए इसरो की ओर से आदित्य एल 1 मिशन को लॉन्च करने की तैयारी है। इसके बाद इसरो ने शुक्र के अध्ययन करने का लक्ष्य भी निर्धारित कर रखा है।
हार से सबक लेकर जीत का संदेश
प्रधानमंत्री ने कहा कि साइंस और टेक्नोलॉजी देश के उज्जवल भविष्य का आधार है और भारत बार-बार यह साबित कर रहा है कि स्काई इज नॉट द लिमिट। आज का दिन हम सभी कोई को उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने इसरो और देश भर के वैज्ञानिकों को विशेष तौर पर बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने देश को एक बड़ी उपलब्धि हासिल करने का मौका दिया है। चंद्रयान दो की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज की उपलब्धि यह भी बताती है कि हार से सबक लेकर किस तरह जीत हासिल की जाती है। प्रधानमंत्री मोदी ने यह बड़ी उपलब्धि हासिल करने पर इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ को फोन पर भी बधाई दी।