Chhattisgarh Naxal Attack: दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने किया आईईडी से ब्लास्ट, CRPF के दो जवान जख्मी

Chhattisgarh Naxal Attack: आज सुबह दंतेवाड़ा के बालासुर पल्ली मार्ग थाना क्षेत्र में IED से धमाका किया गया, जिसकी चपेट में आने से सीआरपीएफ 195 बटालियन के दो जवान घायल हो गए।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-12-02 12:10 IST

Chhattisgarh Naxal Attack  (फोटो: सोशल मीडिया )

Chhattisgarh Naxal Attack: वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने एक और बड़ी वारदात को अंजाम दिया है। नक्सलियों ने सुरक्षाबलों को लक्ष्य कर आईईडी ब्लास्ट किया है। जानकारी के मुताबिक, आज यानी शनिवार सुबह दंतेवाड़ा के बालासुर पल्ली मार्ग थाना क्षेत्र में IED से धमाका किया गया, जिसकी चपेट में आने से सीआरपीएफ 195 बटालियन के दो जवान घायल हो गए। जवानों के साथ चल रहे एक मीडियाकर्मी के भी जख्मी होने की ख़बर है।

जख्मी जवानों को फौरन नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उनकी सेहत में सुधार है। दंतेवाड़ा पुलिस की ओर से जारी बयान के मुताबिक, दोनों जवान अब खतरे से बाहर हैं और उनका इलाज चल रहा है। जानकारी के मुताबिक, जवान नक्सलियों द्वारा इलाके में लगाए गए पोस्टरों को हटा रहे थे, उसी दौरान आईईडी विस्फोट हुआ।

सीआरपीएफ अधिकारियों ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि सुबह जवानों को सूचना मिली थी कि सुदर तुलारगुफा की ओर नक्सली गतिविधियां चल रही हैं। जवानों को सर्चिंग के दौरान संदिग्ध हालत में कुछ पैकेट में बम पड़े हुए दिखे। जब वे बम डिफ्यूज करने की कोशिश कर रहे थे, उसी दौरान आईईडी ब्लास्ट हो गया। घायल जवानों को बेहतर उपचार के लिए राजधानी रायपुर भेजा जा रहा है।

चुनाव के दौरान भी हुए थे धमाके

नक्सलियों के प्रभाव को देखते हुए 70 सीटों पर छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव कराए गए थे। सात नवंबर को पहले चरण में 20 सीटों पर मतदान हुआ था। इनमें अधिकांश सीटें अत्यधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की थीं। पहले चरण के मतदान के दौरान वामपंथी उग्रवादियों ने सुकमा आईईडी ब्लास्ट किया था। जिसमें सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन का एक जवान जख्मी हो गया था।

इसके बाद 17 नवंबर को दूसरे चरण की वोटिंग के दौरान गश्त पर निकले सीआरपीएफ और डीआरजी के जवानों को लक्ष्य करके IED ब्लास्ट किया गया था। इस दौरान बाइक सवार दो सीआरपीएफ जवान हमले की चपेट में आने से बाल-बाल बचे थे। नक्सलियों ने चुनाव का बहिष्कार कर रखा था। जगह-जगह उन्होंने पोस्टर और पर्चे गिरवाकर मतदान में हिस्सा लेने वाले लोगों के हाथ काट देने की धमकी दी गई थी।

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