CEA के अच्छे दिन ! अरविंद सुब्रमण्यम को मिला एक साल का सेवा विस्तार

केंद्र सरकार ने मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमण्यम को एक साल का सेवा विस्तार दिया है, जिनका कार्यकाल अक्टूबर में समाप्त होने वाला था।

Update: 2017-09-23 12:32 GMT
CEA के अच्छे दिन ! अरविंद सुब्रमण्यम को मिला एक साल का सेवा विस्तार

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमण्यम को एक साल का सेवा विस्तार दिया है, जिनका कार्यकाल अक्टूबर में समाप्त होने वाला था। वित्त मंत्रालय ने शनिवार को एक ट्वीट में कहा, "अरविंद सुब्रमण्यम अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद अतिरिक्त एक साल इस पद पर बने रहेंगे।"

उनका कार्यकाल 16 अक्टूबर को समाप्त हो रहा है। इससे पहले खबर थी कि सीईए ने सरकार को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।



अधिकारियों ने इससे पहले स्पष्टीकरण दिया था कि वह पद पर बने रहेंगे, क्योंकि सरकार उनके सेवा विस्तार पर विचार कर रही है। अरविंद सुब्रमण्यम को तीन वर्ष के लिए 16 अक्टूबर, 2014 को सीईए नियुक्त किया गया था।

वित्तमंत्री अरुण जेटली के मुख्य सलाहकार के रूप में अरविंद सुब्रमण्यम प्रमुख सुधारवादी नीतियों के लिए सुझाव देते हैं।

क्या बोले अरविंद सुब्रमण्यम ?

चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हूं। सरकार कई मोर्चो पर काम कर रही है। अर्थव्यवस्था कुछ "संक्रमणकालीन मुद्दों" से होकर गुजर रही है और सरकार आर्थिक वृद्धि वापस लाने की दिशा में काम कर रही है। केंद्र सरकार ने सीईए अरविंद सुब्रह्मण्यम को एक साल का सेवा विस्तार दे दिया है, जिनका कार्यकाल 16 अक्टूबर को समाप्त होने वाला था।

सुब्रह्मण्यम ने कहा, "हमारे सामने कुछ संक्रमणकालीन मुद्दे हैं, जिनपर हमलोग काम कर रहे हैं। हमें यह देखना है कि अर्थव्यवस्था इन चुनौतियों से कैसे उबर सकती है।"

उन्होंने कहा, "जैसा कि वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा है, हमें आर्थिक वृद्धि, निवेश, निर्यात को बढ़ाने के लिए काम करना होगा। आने वाले दिनों में आप देखेंगे कि सरकार ऐसा करने के लिए योजना बना रही है।"

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वित्तमंत्री ने शुक्रवार को कहा था कि अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए सरकार पूरी तरह से 'प्रतिक्रियाशील कार्रवाई' करने के लिए तैयार है। पहली तिमाही में जीडीपी की दर केवल 5.7 प्रतिशत दर्ज की गई है।

उन्होंने कहा था, "हमने उपलब्ध सभी आर्थिक संकेतकों पर गौर किया है। सुधार के एजेंडे पर यह सरकार अतिसक्रिय है। पिछले दो दिनों में मैंने मंत्रिमंडल के कई सहयोगियों और विभिन्न विभागों के सचिवों से कई दौर की वार्ता की है। सरकार प्रधानमंत्री से सलाह के बाद आने वाले दिनों में कोई बड़ा फैसला लेगी।" गौरतलब है कि 19 सितंबर को जेटली ने आर्थिक स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी।

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