चीन ने यहां चुपके से बना दी कई KM लंबी नई सड़क, भारत के लिए खतरे की घंटी

अस्तोर जिला स्कर्दू के पश्चिम में है, जो पाकिस्तान का एक डिवीजन मुख्यालय है, जहां से लद्दाख ज्यादा दूर नहीं है। लद्दाख में कई स्थानों पर चीन और भारत के बीच पिछले लंबे समय से गतिरोध बना हुआ है।

Update: 2021-01-17 05:49 GMT
डिफेन्स एक्सपर्ट्स  का कहना है कि नई सड़क के निर्माण से चीन और पाकिस्तान के बीच कश्मीर में भारत के खिलाफ दो-मोर्चे की लड़ाई शुरू करने की क्षमता बढ़ जाएगी।

नई दिल्ली: चीन और पाकिस्तान दोनों मिलकर भारत के खिलाफ साजिशें रचने में जुटे हैं। उनकी मंशा किसी भी तरह से भारत में अस्थिरता लाने की है। उन्हें भारत को तरक्की की राह पर बढ़ते देखना रास नहीं आ रहा है।

लद्दाख और कश्मीर मुद्दे पर दोनों देशों को मुंह की खानी पड़ी है। यही वजह है कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ अपनी नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए चीन को अपने कब्जे वाले इलाके गिलगित बाल्टिस्तान में अपनी मनमानी करने की छूट दे रखी है।

चीन ने यहां एक ऐसी सड़क बनाने का फैसला किया है, जो 800 किलोमीटर के काराकोरम राजमार्ग को पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित बाल्टिस्तान के अस्तोर के साथ जोड़ेगी।

चीन ने यहां चुपके से बना दी कई KM लंबी नई सड़क, भारत के लिए खतरे की घंटी(फोटो:सोशल मीडिया)

लद्दाख मुद्दे पर भारत पर दबाव बनाने की है मंशा

इस कदम के पीछे उसकी मंशा लद्दाख मुद्दे पर भारत पर दबाव बनाने की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन एक पूर्व बौद्ध फाउन्ट यरकंद को और फिर उइगर संस्कृति के सांस्कृतिक दिल को काराकोरम राजमार्ग के माध्यम से अस्तोर के साथ जोड़ना चाहता है।

एक बार 33 मीटर चौड़ी सड़क बन जाने के बाद, चीन गिलगित बाल्टिस्तान में भारी तोपखाने को ले जाने में सक्षम होगा, जिससे लद्दाख में आगे के स्थानों (फॉरवर्ड एरिया) पर भारतीय पक्ष को खतरा पैदा हो सकता है।

चीन ने यहां चुपके से बना दी कई KM लंबी नई सड़क, भारत के लिए खतरे की घंटी(फोटो:सोशल मीडिया)

भारत के लिए खतरे की घंटी

अस्तोर जिला स्कर्दू के पश्चिम में है, जो पाकिस्तान का एक डिवीजन मुख्यालय है, जहां से लद्दाख ज्यादा दूर नहीं है। लद्दाख में कई स्थानों पर चीन और भारत के बीच पिछले लंबे समय से गतिरोध बना हुआ है।

अस्तोर का मुख्यालय ईदगाह में है और यह गिलगित बाल्टिस्तान के 14 जिलों में से एक है। एक निम्न-गुणवत्ता वाली सड़क वर्तमान में ईदगाह को काराकोरम राजमार्ग से जोड़ती है, जो 43 किलोमीटर दूर है।

डिफेन्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि नई सड़क के निर्माण से चीन और पाकिस्तान के बीच कश्मीर में भारत के खिलाफ दो-मोर्चे की लड़ाई शुरू करने की क्षमता बढ़ जाएगी।

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