बौखलाया चीन: भारत की होगी जीत, दुश्मन का खातमा करेगा ट्री-हथियार

धोखेबाज चीन की हर नापाक हरकत का जवाब देने के लिए भारत अपनी तैयारी को और नुकीला कर रहा है। इन सबके चलते भारत की तैयारी का हिस्सा बना है रूस की मिसाइल।

Update: 2020-06-24 05:28 GMT

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्च्यूअल कंट्रोल (एलएसी) पर बीते दिनों भारत-चीन के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद तनातनी काफी ज्यादा बढ़ गई है। ऐसे में भारतीय सेना ने भी अपनी पूरी तैयारी कर ली है। धोखेबाज चीन की हर नापाक हरकत का जवाब देने के लिए भारत अपनी तैयारी को और नुकीला कर रहा है। इन सबके चलते भारत की तैयारी का हिस्सा बना है रूस की मिसाइल। रूस से जितनी जल्दी हो उतनी जल्दी S400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम हासिल करना, जिससे दुश्मन कोई भी हो, उसको मुंहतोड़ जवाब देकर सबक सिखाया जा सके।

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चीन को बिल्कुल नहीं रास आई

भारत-चीन विवादों के चलते देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा किया गया रूस दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अब रूस जब भारत को हथियार बेच रहा है तो ये बात चीन को बिल्कुल नहीं रास आई।

इसे लेकर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र पीपुल्स डेली की तरफ से एक फेसबुक पोस्ट डाली गई है जो हथियारों के इस सौदे के खिलाफ है। क्योंकि अब जब भारत को S400 मिसाइल मिलेगा, तो चीन का तिलमिलाना वजीब है।

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पूरा नाम S-400 ट्रायम्फ

बता दें, मिसाइल S400 को दुनिया का सबसे शक्तिशाली मिसाइल डिफेंस सिस्टम माना जाता है और इसमें भारत के दुश्मनों के छक्के छुड़ाने की पूरी काबिलियत है। इसका पूरा नाम S-400 ट्रायम्फ है।

मिसाइल S400 एयरक्राफ्ट क्रूज मिसाइल और यहां तक कि एटमी मिसाइल को भी हवा में ही मारकर गिरा देगा। इसे दुनिया के सबसे खतरनाक मिसाइल डिफेंस सिस्टम से पुरूस्कृत किया जा चुका है। इसकी ताकत का रहस्य है, इसकी 3 टेक्नोलॉजी में।

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ये हैं तीन तकनीक

मिसाइल S400 महाशक्तिशाली में तीन तकनीक एक साथ काम करने की क्षमता है। इसकी पहली तकनीक है मिसाइल लॉन्चर, दूसरी तकनीक है शक्तिशाली रेडार सिस्टम और तीसरी तकनीक कमांड सेंटर है। इसे ट्री-हथियार कह सकते हैं।

इस मिसाइल का रडार 600 किलोमीटर की दूरी तक अपने टारगेट को पहचान सकता है और एक साथ 100 से लेकर 300 टारगेट्स को ट्रैक कर सकता है।

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