चीन के पड़ोसी देश ताइवान ने सबको किया हैरान, जानिए कैसे पाया कोरोना पर काबू

ताइवान के कोरोना वायरस से ज्यादा संक्रमित ना होने की खबर लोगों को हैरान करने वाली है। ताइवान की चीन से दूरी महज 110 मील की है मगर ताइवान काफी हद तक कोरोना वायरस पर काबू पाने में कामयाब रहा है।

Update: 2020-03-26 04:59 GMT

नई दिल्ली: ताइवान के कोरोना वायरस से ज्यादा संक्रमित ना होने की खबर लोगों को हैरान करने वाली है। ताइवान की चीन से दूरी महज 110 मील की है मगर ताइवान काफी हद तक कोरोना वायरस पर काबू पाने में कामयाब रहा है।

चीन में अब तक कोरोना संक्रमण के 81 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं वहीं चीन से सटे ताइवान में अभी तक मात्र 235 केस ही रिपोर्ट हुए हैं। अब हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिरकार ताइवान कैसे इस महामारी पर काबू पाने में कामयाब रहा।

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समय से पहले चेतना

जानकार सूत्रों के अनुसार ताइवान की इस कामयाबी का एक बहुत बड़ा कारण समय से पहले ही सचेत हो जाना रहा है। चीन के मुकाबले ताइवान के पास संसाधन काफी कम थे मगर उसने अपने पास मौजूद संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल कर कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में कामयाबी पाई।

ठोस कार्ययोजना बनाई

चीन के पड़ोसी देश ताइवान ने सबको किया हैरान, जानिए कैसे पाया कोरोना पर काबू कमांड सेंटर ने दिसंबर से ही ताइवान आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग करना शुरू कर दिया था।

तब एक भी कंफर्म केस नहीं था

सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि ताइवान ने यह कदम ऐसे समय उठाया जब ताइवान में कोरोना का एक भी केस कंफर्म नहीं हुआ था। उसी समय कमांड सेंटर और स्वास्थ्य मंत्रालय ने फेस मास्क और दूसरी वस्तुओं का निर्माण शुरू कर दिया था। किसी दूसरे देश से ताइवान में आने वाले लोगों के लिए 2 सप्ताह का क्वॉरेंटाइन में जाना भी अनिवार्य कर दिया गया था।

चीन में को रोना का संक्रमण फैलते ही ताइवान ने उसे अपने यहां आने से रोकने के लिए हर संभव कदम उठाए। दूसरे देशों में सुरक्षा बलों को लॉकडाउन या शटडाउन को सफल बनाने की जिम्मेदारी दी जाती है मगर ताइवान ने अपने सिपाहियों को इन फैक्ट्रियों में तैनात कर दिया जहां पर कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए विभिन्न चिकित्सा उपकरण बनाए जा रहे थे।

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काम में कुशल सुरक्षाबल

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि ताइवान के सुरक्षा बल भी इतने कार्यकुशल थे कि उन्होंने पूर्ण रूप से अपनी जिम्मेदारी निभाई। सुरक्षाबलों के जिम्मेदारीपूर्ण कार्य के चलते ही उन्हें तो मास्क मिले ही, इसके साथ ही आम लोगों को भी आसानी से मास्क उपलब्ध हो गया।

कोरोना के मात्र 35 केस

ताइवान की आबादी 2 करोड़ से ज्यादा है और वहां अब तक कोरोना वायरस के मात्र 35 केस ही सामने आए हैं। ताइवान के उपराष्ट्रपति भी महामारी रोकने के विशेषज्ञ बताए जाते हैं। दूसरी ओर स्पेन की जनसंख्या 4 करोड़ है और वहां कोरोना संक्रमण के 42 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। स्पेन में कोरोना से काफी संख्या में लोगों की मौत भी हो चुकी है।

दुनिया के कई विकसित देश आज कोरोना के संक्रमण से परेशान हैं मगर ताइवान ने काफी बुद्धिमत्ता से इस पर काबू पा लिया। फ्रांस की आबादी ताइवान से केवल 3 गुना अधिक है, लेकिन वहां कोरोना वायरस के मामले ताइवान के मुकाबले 110 गुना ज्यादा हैं।

यही हाल इटली का भी है। वहां की आबादी भी फ्रांस जितनी ही है मगर वहां भी अभी तक 69000 से ज्यादा कोरोना के केस दर्ज किए जा चुके हैं। इस समय पूरी दुनिया में ताइवान के कोरोना पर काबू पाने के प्रयासों की चर्चा हो रही है।

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