चीन तिलमिलाया: US के इस कदम पर भड़का, घिर गया इन देशों के चक्रव्यू में

अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन इसी हफ्ते जापान, दक्षिण कोरिया और भारत के दौरे पर हैं। उनके इस दौरे से चीन की नाराजगी दिखने लगी है।

Update: 2021-03-16 14:39 GMT

लखनऊ: क्वॉड देशों की बैठक को लेकर चीन की प्रतिक्रिया आई है। क्वॉड समूह में शामिल देश अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया की पहली बैठक शुक्रवार को हुई थीं। वहीं अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन भारत दौरे पर आने वाले हैं। ऐसे में चीन की बेचैनी बढ़ गयी है। चीन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि ऐसे छोटे समूह बनाना बंद किया जाए।

अमेरिकी रक्षा मंत्री का भारत दौरा

दरअसल, अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन इसी हफ्ते जापान, दक्षिण कोरिया और भारत के दौरे पर हैं। बता दें कि अमेरिकी रक्षा मंत्री भारत में तीन दिवसीय दौरे पर 19 मार्च को आ रहे हैं, 21 मार्च देश में रहेंगे। इस दौरान ऑस्टिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य शीर्ष अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे। उनके इस दौरे से चीन की नाराजगी दिखने लगी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान से कहा कि जो छोटे समूहों बनाये जा रहे हैं, वह अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को तबाह कर देंगे।

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क्वॉड देशों की बैठक में चीन रहा मुद्दा

बता दें कि क्वॉड देशों ने 12 मार्च को अपनी पहली समिट हुई, जिसमें अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सलिविन ने कहा कि चारों देशों के नेताओं ने चीन के खतरे पर चर्चा की और उनका मानना है कि लोकतंत्र चीन की तानाशाही को जड़ से खत्म करने में कामयाब रहेगा।

क्वॉड देशों पर दिखी चीन की बौखलाहट

चीन से अमेरिका के इस बयान और क्वॉड देशों के चीन के प्रति रुख को लेकर सवाल किया गया। इस पर चीनी प्रवक्ता ने जवाब दिया कि पिछले कुछ समय में ऐसे कुछ देश हैं, चीन को कथित खतरे के रूप में बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं ताकि क्षेत्र में विवाद के बीज बोए जा सकें। हालांकि, उनकी ये गतिविधियां शांति, विकास, सहयोग और इन देशों के लोगों की आकांक्षाओं के दौर के विपरीत हैं और वे अपने मंसूबे में कामयाब नहीं होंगे।

बोला निशाना बनाना बंद करें कुछ देश

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, देशों की आपसी बातचीत और सहयोग दुनिया में एक-दूसरे के प्रति विश्वास बढ़ाने के लिए होनी चाहिए ना कि किसी तीसरे पक्ष के हितों को नुकसान पहुंचाने या उनको निशाना बनाने की। उन्होने इशारे में आरोप लगाया कि कुछ देश अपनी शीतयुद्ध की मानसिकता के चलते ऐसा कर रहे हैं और उन्हे इससे बाहर निकलना चाहिए।

अमेरिका को दी सलाह

वहीं चीन के खिलाफ कई देशों को साथ लानें में जुटे अमेरिका का नसीहत दी कि उन्हें छोटे और दूसरों के लिए बंद समूह बनाने से बचना चाहिए और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बढ़ाने के लिए एकजुटता और सहयोग बढ़ाने की दिशा में प्रयास करने चाहिए।

गौरतलब है कि इसके पहले अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने चीन के खिलाफ मजबूत काउंटर की क्षमता तैयार करना देश का लक्ष्य बताता था। इस बयान पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "चीन दुनिया के लिए अवसर है ना कि चुनौती। चीन ने संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का मजबूती से पालन किया है।''

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उन्होने अमेरिका को चीन के साथ रिश्तों को सही करने के बारे में सोचने की सलाह दी और दोनों देशों को सुलझाने के लिए कहा। इसके साथ ही हिदायत भी दी कि यूएस चीन के आंतरिक मामलों में दखल देना बंद कर दें।

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