भारत की बड़ी जीत: लद्दाख में चीनी सेना को झुकना पड़ा, युद्ध की कगार पर थे देश
लाइन ऑफ एक्च्यूअल कंट्रोल(LAC) पर लगभग एक साल से लगातार जारी तनाव और बीच-बीच हुए हिंसक संघर्ष के बाद अब चीनी सेना सीमा से पीछे हट रही है। ऐसे में बता दें, कि यह भारत की बड़ी रणनीतिक जीत कही जा रही है।
नई दिल्ली: पू्र्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्च्यूअल कंट्रोल(LAC) पर लगभग एक साल से लगातार जारी तनाव और बीच-बीच हुए हिंसक संघर्ष के बाद अब चीनी सेना सीमा से पीछे हट रही है। ऐसे में बता दें, कि यह भारत की बड़ी रणनीतिक जीत कही जा रही है। इस दौरान भारतीय सेना (Indian Army) के नॉर्दर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने एलएसी(LAC) के भारत-चीन मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इस पर उन्होंने कहा कि भारत ने चीन के साथ युद्ध को टाला है। किसी समय ये दोनों देश युद्ध की कगार पर पहुंच चुके थे।
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31 अगस्त को युद्ध के करीब
भारत-चीन मुद्दे पर नॉर्दर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने कहा, 'पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ लगभग 9 महीने से जारी तनाव के दौरान कई उतार चढ़ाव आए। पर भारत-चीन बीते साल 31 अगस्त को युद्ध के करीब आ गए थे।
लेकिन ऐसा तब हुआ था जब भारत ने कैलाश रेंज के पहाड़ों पर 29 और 30 अगस्त को अपने पांव वहीं जमा लिए थे। उस समय ये रणनीतिक रूप से मजबूत था। लेकिन भारत के इस अचानक से लिए गए कदम से चीन परेशान हो गया था। जिसके चलते चीनी सेना ने इसके लिए भारत के खिलाफ ऑपरेशन शुरू किए।'
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हम युद्ध की कगार पर थे
आगे नॉर्दर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने कहा, 'गलवान की घटना हो चुकी थी और लाल रेखा खींची जा चुकी थी। हमें अपनी तरह से अभियान को अंजाम देने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र थे। उस पल जब आप दुश्मन को ऊपर आने की कोशिश करते हुए देखते हैं, मेरे टैंक मैन, गनर, रॉकेट लांचर सब यही देख रहे थे, उनके लिए सबसे आसान काम उस समय वह था जो वह करने के लिए प्रशिक्षित हैं।
एलएसी मुद्दे पर आगे बताते हुए लेफ्टिनेंट जनरल कहते हैं कि ट्रिगर को खींचें। इसके लिए किसी साहस की जरूरत नहीं है। लेकिन साहस के लिए सबसे मुश्किल चीज है कि खुली फायरिंग न की जाए, ट्रिगर को ना खींचा जाए। इसलिए, हमें बहुत स्पष्ट होना चाहिए कि एक समय था जब युद्ध वास्तव में टल गया था। हम मुहाने पर थे, हम युद्ध की कगार पर थे।'
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