बेटी का 'नागरिकता' रखा है नाम, इसके होने से मिली हिंदुस्तानी होने की पहचान

CAB   को लेकर भले पूरे देश में आक्रोश है। संसद दो खेमों में बंट गया। मगर कुछ लोग इसके समर्थन में है।लोकसभा  में नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद दिल्ली के मजनू का टीला में पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थी खुश हैं और ये लोग बिल पास होने की खबर सुनते ही नाचने गाने लगे।

Update:2019-12-11 22:19 IST

नई दिल्ली : CAB को लेकर भले पूरे देश में आक्रोश है। संसद दो खेमों में बंट गया। मगर कुछ लोग इसके समर्थन में है।लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद दिल्ली के मजनू का टीला में पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थी खुश हैं और ये लोग बिल पास होने की खबर सुनते ही नाचने गाने लगे। उन्हें उम्मीद है कि लंबे संघर्ष के बाद उन्हें भारत की नागरिकता मिल जाएगी।इसमे 'आरती' नाम की एक महिला भी इस विधेयक के समर्थन में है। क्योंकि उसका भविष्य इसी विधेयक पर है। उसके दो छोटे छोटे बच्चे हैं। एक बच्चा दो साल का है, तो दूसरी बेटी है, जिसने छह दिन पहले ही जन्म लिया है। यह हिंदू महिला 2011 में पाकिस्तान से भारत आई थी। लेकिन उसे भारत की नागरिकता नहीं मिली है।

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आरती ने कहा कि संसद और नागरिकता (संशोधन) विधेयक के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानती हैं। बस इतना पता है कि यह विधेयक भारत का नागरिक होने का कानूनी हक दिला सकता है। वे चाहती है कि विधेयक पास हो जाए। आरती ने कहा कि उनके हाथ में कुछ नहीं, लेकिन अपनी नवजात बेटी का नाम 'नागरिकता' रख दिया है। 'नागरिकता' को भारत की नागरिकता मिल जाएगी।

दिल्ली के इलाके मंजनू का टीला इलाका, जहां पर पाकिस्तान से आए करीब 140 परिवार रहते हैं, आरती भी उन्हीं में से एक है। उसका पहले एक बेटा है, जिसका नाम लोकेश है। आरती बताती है कि हम 2011 में तीर्थयात्रा के नाम पर वीजा लेकर भारत आए थे। ऐसा भी नहीं है कि अब वहां पर कोई हिंदू नहीं है। पाकिस्तान के सिंध हैदराबाद में बहुत से हिंदू परिवार रहते हैं।

सुविधाएं न हों, लेकिन यही बहुत है कि 'अमन चैन और अपनों' के बीच सांस तो ले पा रहे हैं। बेटी के जन्म के बाद कई लोगों ने कहा, अपने मुताबिक कोई नाम रख लो। तभी पता चला कि देश में हमारी नागरिकता को लेकर कुछ चल रहा है। अपने बड़ों से बातचीत की, उन्होंने विस्तार से बताया कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक का मामला संसद में है। अगर यह पास हो जाता है तो हमारे ऊपर से पाकिस्तानी होने का ठप्पा हट जाएगा और हम भारतीय हैं। बस यहीं से दिमाग में आया कि बेटी का नाम 'नागरिकता' रख दिया जाए।

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आरती का कहना है कि अगर पाकिस्तान में होते तो पता नहीं, यह ले भी पाती या नहीं। उसने कहा कि अब तक वह लोग एक कैद की जिंदगी जी रहे थे। ऐसा लगता था कि किसी पिंजरे में बंद हैं, लेकिन अब इस नागरिकता संशोधन बिल आने से खुशी है। उसने यह भी कहा कि जब बेटी बड़ी होकर पूछेगी कि उसका नाम ‘नागरिकता’ क्यों रखा गया तो उसे बताऊंगी कि तेरे आने से ही हमें पहचान मिली है। हमें भारत में भारतवासी होने की नागरिकता मिली है।

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