CJI DY Chandrachud: कोर्ट के फैसलों की चर्चा तो होती है, कई ऐसे काम करती हैं अदालतें जो सुर्खियां नहीं बन पाती

CJI DY Chandrachud: सीजेआई चंद्रचूड़ ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि न्यायपालिका सिर्फ और सिर्फ दो बातों से जानी जाती है। पहला, जिन मामलों में उसने फैसले दिए हैं और दूसरा जिन मामलों में फैसले नहीं दिए हैं। उन्होने कहा कि इस बात का पता न्यायपालिका में होने वाली देरी से पता चलता है।

Update:2023-07-01 14:03 IST
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (सोशल मीडिया)

CJI DY Chandrachud: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ श्रीनगर में आयोजित 19वीं कानूनी सेवा प्राधिकरण बैठक में शामिल होने पहुंचे। इस दौरान सीजेआई ने बैठक को संबोधित किया। सीजेआई चंद्रचूड़ ने बैठक को संबोधित करते हुए सबसे पहले अदालतों में होने वाले फैसलों का जिक्र किया। उन्होने कहा कि अक्सर कोर्ट के फैसलों की चर्चा होती है। लेकिन, कोर्ट फैसला करने के अलावा और भी बहुत काम करती हैं, जो सुर्खियां नहीं बन पाती है।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि कोर्ट फैसला सुनाने के अलावा भी बहुत काम करती हैं, जिन्हे लोगों को जानने की जरुरत है। उन्होने कहा कि जब कभी भी इस बात का समय आया कि कोर्ट को अपनी मार्केटिंग करनी थी, उसने नहीं कि क्योंकि उसको लगा कोर्ट को मार्केटिंग करने की जरुरत नहीं है। इस मामले में हम खराब कम्युनिकेटर रहे हैं।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि न्यायपालिका सिर्फ और सिर्फ दो बातों से जानी जाती है। पहला, जिन मामलों में उसने फैसले दिए हैं और दूसरा जिन मामलों में फैसले नहीं दिए हैं। उन्होने कहा कि इस बात का पता न्यायपालिका में होने वाली देरी से पता चलता है। उन्होने आगे कहा कि लोगों को अक्सर हमारे उन फैसलों के बारे में जानकारी मिलती रहती है, जिनका हम फैसला करते रहते हैं। लेकिन, लोगों को न्यायपालिका के पिछले दफ्तरों में होने वाले कामों के बारे में बहुत कम जानकारी है। उन्होने कहा कि यह बहुत आवश्यक है कि हम भारतीय न्यायपालिका के पिछले दफ्तरों में होने वाले कार्यों की भी चर्चा करें। क्योंकि यह हमारी न्यायपालिका की रीढ़ है।

सीजेआई ने न्यायपालिका के पिछले दफ्तरों में किये जा रहे कामों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि साल 2013 में ईकोर्ट सेवाओं के लिए बनाई गई वेबसाइट ने 2020 में 2.54 बिलियन ट्रांजेक्शन किए हैं। तो वहीं, 2021 में वह बढ़कर 3.20 बिलियन हो गया है। वहीं यह साल 2022 में बढ़कर 3.26 बिलियन हो गया है।

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