Weather News: इस साल गर्मी की मार से सेहत और खाद्य प्रोडक्शन पर खतरा

Weather News: अब आधिकारिक तौर पर बता दिया गया है कि देश ने 1901 के बाद से सबसे गर्म फरवरी देखी है। फरवरी में देश भर में औसत अधिकतम तापमान बढ़कर 29.5 डिग्री सेल्सियस हो गया जो 123 वर्षों में सबसे अधिक है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2023-03-01 12:37 IST

Weather News: अब आधिकारिक तौर पर बता दिया गया है कि देश ने 1901 के बाद से सबसे गर्म फरवरी देखी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह तस्दीक की है। फरवरी में देश भर में औसत अधिकतम तापमान बढ़कर 29.5 डिग्री सेल्सियस हो गया जो 123 वर्षों में सबसे अधिक है। अब मार्च से मई का पूर्वानुमान भारत की खाद्य सुरक्षा और लोगों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक नहीं है।

फसलों पर असर

गर्म मौसम का असर सभी रबी फसलों पर दिखाई दे रहा है। किसानों ने का कहना है कि उच्च तापमान उनकी रबी फसलों जैसे गेहूं, सरसों, दलहन और बागवानी फसलों जैसे आम के उत्पादन को प्रभावित करने वाला है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अगले कुछ हफ्तों तक तापमान इसी तरह बढ़ता रहा तो देश के खाद्य भंडार पर गंभीर असर पड़ेगा। एक एक्सपर्ट का कहना है कि अगर होली तक गर्मी इसी तरह जारी रही तो देश में गेहूं का उत्पादन 15 से 20 प्रतिशत तक कम हो सकता है। गेहूं के कम उत्पादन का परावर्ती प्रभाव पूरे वर्ष के लिए खाद्य मुद्रास्फीति में दिखाई दे सकता है।

इस बार ज्यादा गर्मी

आईएमडी के वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस बार गर्मी पिछले साल की तरह अधिक रहने वाली है, खासकर उत्तर भारत में। आने वाले महीनों में उत्तर भारत को लू से कोई राहत नहीं मिलेगी। क्षेत्र सामान्य से अधिक अधिकतम तापमान का अनुभव करेगा और न्यूनतम तापमान स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर सकता है।

स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह

पूर्वानुमान के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकारों को स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों पर उचित कार्रवाई करने की सलाह जारी की है। मार्च से मई के लिए गर्म मौसम के नवीनतम दृष्टिकोण में, आईएमडी ने कहा है कि पूर्वोत्तर, पूर्व और मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक अधिकतम और न्यूनतम तापमान रहेगा।

आईएमडी क्या कहता

- देश भर में अधिक गर्मी की लहरों की संभावना।

- आने वाले महीनों में उत्तर भारत को लू से कोई राहत नहीं मिलेगी।

- इस क्षेत्र में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक होगा, जिससे स्वास्थ्य को खतरा होगा।

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