Rajasthan News: सचिन के करीबी मंत्री की बर्खास्तगी से गहलोत का सख्त संदेश,हाईकमान मुख्यमंत्री, पायलट कैंप ने साधी चुप्पी
Rajasthan News: राजस्थान कांग्रेस में अभी तक उठापटक का दौर खत्म नहीं हो सका है। पार्टी नेतृत्व की तमाम कोशिशों के बावजूद राज्य कांग्रेस में गुटबाजी और खींचतान का दौर बना हुआ है। इसका नजारा शुक्रवार को पायलट के करीबी माने जाने वाले राजेंद्र सिंह गुढ़ा के बयान से मिला।
Rajasthan News: राजस्थान कांग्रेस में अभी तक उठापटक का दौर खत्म नहीं हो सका है। पार्टी नेतृत्व की तमाम कोशिशों के बावजूद राज्य कांग्रेस में गुटबाजी और खींचतान का दौर बना हुआ है। इसका नजारा शुक्रवार को पायलट के करीबी माने जाने वाले राजेंद्र सिंह गुढ़ा के बयान से मिला। गुढ़ा ने राज्य में महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों पर चिंता जताते हुए अपनी ही सरकार को गिरेबान में झांकने की नसीहत दे दी। इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाईकमान से हरी झंडी मिलने के बाद गुढ़ा की मंत्री पद से बर्खास्तगी में तनिक भी देर नहीं दिखाई।
गुढ़ा की मंत्री पद से बर्खास्तगी के जरिए मुख्यमंत्री गहलोत ने बयानबाजी करने वाले कांग्रेस नेताओं को सख्त संदेश देने की कोशिश की है। राज्य सरकार के कई कदमों को लेकर सवाल उठाने वाले सचिन पायलट को भी मुख्यमंत्री ने सख्त संदेश दिया है। इस मामले में हाईकमान भी पूरी तरह मुख्यमंत्री के साथ खड़ा दिखा। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से मुख्यमंत्री को आनन-फानन कदम उठाने की छूट दी गई जिसके बाद मुख्यमंत्री ने कड़ा तेवर अपनाया।
पहले गहलोत के साथ,फिर पायलट कैंप में
बर्खास्त किए गए मंत्री राजेंद्र गुढ़ा अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहे हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने उदयपुरवाटी से बसपा के टिकट पर जीत हासिल की थी। बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ सचिन पायलट की बगावत के समय वे पूरी मजबूती के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ खड़े थे और गहलोत सरकार को गिरने से बचाने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई थी।
इसका उन्हें इनाम भी मिला था और नवंबर 2021 में गहलोत मंत्रिमंडल के पुनर्गठन के दौरान गुढ़ा को राज्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। हालांकि मनचाहा विभाग न मिलने से गुढ़ा भीतर ही भीतर काफी नाराज थे। उन्होंने सरकारी गाड़ी लेने से इनकार करके अपनी नाराजगी का इजहार भी किया था। बाद में वे सचिन पायलट के कैंप में शामिल हो गए थे। हाल के दिनों में उन्होंने कई ऐसे बयान दिए जो मीडिया में छाए रहे। सचिन पायलट की ओर से आयोजित कार्यक्रमों में भी गुढ़ा चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं।
अपनी ही सरकार पर कर दिया हमला
गुढ़ा ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा के दौरान अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया था। उनका कहना था कि मणिपुर के हालात पर चर्चा करने की जगह हमें अपने गिरेबान में झांकने की जरूरत है।
उन्होंने राजस्थान में महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों की भी चर्चा की थी जिसके बाद भाजपा ने गहलोत सरकार पर तीखा हमला बोला था। गुढ़ा के इस बयान से गहलोत सरकार को करारा झटका लगा। गुढ़ा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके करीबी मंत्रियों के खिलाफ भी खुलकर हमला बोलते रहे हैं।
हाईकमान ने दिया मुख्यमंत्री गहलोत का साथ
राजस्थान में कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इस मामले की रिपोर्ट दिल्ली भेजी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी गुढ़ा के इस रवैए से काफी नाराज दिखे और उन्होंने हाईकमान से इस मामले में बातचीत की। हाईकमान की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद उन्होंने गुढ़ा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की सिफारिश राजभवन भेज दी।
मुख्यमंत्री की इस सिफारिश के आधार पर गुढ़ा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने का बड़ा कदम उठाया गया। गुढ़ा का टिकट कटना भी तय माना जा रहा है और इसीलिए उन्होंने दूसरे दलों में हाथ-पांव मारने भी शुरू कर दिए हैं।
सचिन पायलट कैंप ने साधी चुप्पी
गुढ़ा प्रकरण को लेकर अभी तक सचिन पायलट कैंप की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। सचिन पायलट और उनके साथी अन्य कांग्रेस नेताओं ने इस प्रकरण पर पूरी तरह चुप्पी साध रखी है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री और हाईकमान के तेवर को देखते हुए सचिन पायलट कैंप ने इस मामले में कोई बयान जारी न करने का फैसला किया है।
गुढ़ा की बर्खास्तगी के जरिए मुख्यमंत्री गहलोत ने राज्य के बयानवीर कांग्रेसी नेताओं को सख्त संदेश देने की कोशिश की है। इसके साथ ही उन्होंने सचिन पायलट को भी चेताया है कि अब भविष्य में सरकार पर हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।
भाजपा मामले को गरमाने में जुटी
राजस्थान में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से पार्टी में एकजुटता के लिए दिल्ली में दो बैठकें हो चुकी हैं। हालांकि कांग्रेस नेतृत्व की ओर से पार्टी के पूरी तरह से एकजुट होने का दावा किया जा रहा है मगर गुढ़ा प्रकरण से साफ हो गया है कि अभी भी पार्टी में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है।
वैसे मुख्यमंत्री गहलोत अब पार्टी में गुटबाजी और बयानवीरों के खिलाफ सख्त तेवर अपनाते हुए दिख रहे हैं। गुढ़ा प्रकरण को लेकर भाजपा ने हमलावर मुद्रा अपना ली है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में पार्टी इस मामले को सियासी रूप से गरमाने की पूरी कोशिश करेगी।