Bihar Politics: सीएम नीतीश कुमार अचानक राज्यपाल से मिलने पहुंचे, बिहार में सियासी हलचल तेज, लगने लगे कयास
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Bihar Politics: बिहार में सियासी खींचतान के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज अचानक राज्यपाल से मिलने के लिए राजभवन पहुंचे। राजभवन पहुंचने से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक सरकारी कार्यक्रम में हिस्सा लिया और फिर वे जदयू के वरिष्ठ नेता विजय चौधरी के साथ सीधे राजभवन पहुंच गए। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किस मुद्दे पर बातचीत करने के लिए राजभवन पहुंचे हैं।
बिहार में इन दोनों सियासी हलचल काफी तेज है और नीतीश कुमार के भावी कदमों को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। विधानसभा का बजट सत्र भी 5 फरवरी को शुरू होने वाला है। इस दिन राज्यपाल संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। बिहार की सियासत में इन दोनों जदयू और राजद के बीच खींचतान की स्थिति दिख रही है और ऐसे में नीतीश कुमार की राज्यपाल से मुलाकात को सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
गृह मंत्री शाह के इंटरव्यू के बाद माहौल गरमाया
बिहार में कई दिनों से नीतीश कुमार के भावी कदमों को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी की अटकलें लगाई जा रही हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने हाल में एक अखबार को दिए इंटरव्यू में एक महत्वपूर्ण सियासी टिप्पणी की थी और इस टिप्पणी के बाद अटकलों का बाजार गरम हो गया है।
गृह मंत्री शाह पहले कहा करते थे कि नीतीश कुमार के लिए एनडीए के दरवाजे पूरी तरह बंद हो चुके हैं मगर हाल में दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी के संदर्भ में प्रस्ताव आएगा तो विचार किया जाएगा।
तेजस्वी के साथ लालू ने की थी मुलाकात
गृह मंत्री अमित शाह के इस बयान के बाद बिहार के सियासी हलकों में जदयू और राजद के बीच तल्ख रिश्तों की चर्चाएं आम हो गई थीं। नीतीश कुमार की नाराजगी को भांपते हुए राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव अपने बेटे और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ हाल में नीतीश कुमार से मुलाकात करने के लिए उनके आवास पर पहुंचे थे।
हालांकि इस मुलाकात के बाद भी नीतीश कुमार ने कोई टिप्पणी नहीं की थी जिससे माना जा रहा है कि अभी उन्होंने अपने भावी कदमों को लेकर विकल्प खुले रखे हैं। इस बीच राज्यपाल से नीतीश कुमार की आज हुई अचानक मुलाकात ने राज्य का सियासी माहौल गरमा दिया है।
बिहार में सीट बंटवारे का मुद्दा भी उलझा
विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में अभी तक बिहार में सीट बंटवारे का मुद्दा नहीं सुलझ सका है। जदयू और राजद कांग्रेस की ओर से की जा रही डिमांड को पूरा करने के लिए तैयार नहीं हैं। दूसरी ओर वामदलों की ओर से की जा रही मांग भी पूरी करने की स्थिति नहीं दिख रही है। नीतीश कुमार काफी दिनों से सीट बंटवारे का मुद्दा सुलझाने पर जोर देते रहे हैं मगर अभी तक इस संबंध में आखिरी फैसला नहीं किया जा सका है। नीतीश कुमार इसे लेकर भी नाराज बताए जा रहे हैं।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की कमान संभालने के बाद नीतीश कुमार फुलफॉर्म में दिख रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने जदयू की नई राष्ट्रीय टीम का गठन किया था जिसमें पूर्व अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के करीबियों की छुट्टी कर दी गई थी। इसके साथ ही नीतीश ने राजद कोटे के मंत्री चंद्रशेखर का विभाग भी बदल दिया था। चंद्रशेखर रामचरितमानस और मनुस्मृति जैसे धार्मिक ग्रंथो को लेकर विवादित बयान देते रहे हैं।
इस कार्यक्रम के बाद नीतीश पहुंचे राजभवन
राज्यपाल से मुलाकात करने से पहले नीतीश कुमार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धासुमन अर्पित किए थे। इस संदर्भ में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा- आजाद हिंद फौज के संस्थापक, महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाषचंद्र बोस जी की जयंती पर आयोजित राजकीय समारोह में उनकी आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
जदयू ने भी इस सन्दर्भ में किए गए पोस्ट में लिखा कि सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर पटना में एक राष्ट्रीय समारोह का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में राज्यपाल राजेन्द्रा आर्लेकर,मुख्यमंत्री नीतीश कुमार,उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव,वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी और भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी और जनजाति कल्याण मंत्री रत्नेश सादा सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने उनकी प्रतिमा पुष्पांजलि पर उन्हें नमन किया।
इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद ही नीतीश कुमार अपनी पार्टी के नेता विजय चौधरी के साथ सीधे राजभवन पहुंचे थे। राज्यपाल के साथ नीतीश कुमार की यह मुलाकात करीब 40 मिनट चली। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने नीतीश कुमार ने राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालय में कुलपतियों की नियुक्ति का संबंध में राज्यपाल से चर्चा की है।