CM की आपात बैठक: दिए ये निर्देश, अब ऐसे होगी प्रदेशवासियों की सुरक्षा

Update:2020-08-22 20:54 IST
MP CM Shivraj singh chouhan calls emergency meeting to deal flood situation

भोपाल. मध्य प्रदेश में मानसून के कहर के कारण ज्यादातर जिलों ने बाढ़ जैसे हालात बन गए। भारी बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। कई इलाकों में आवागमन ठप्प हो गया। इसी मुसीबत से निपटने और हालात का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को सीएम आवास में एक आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस समेत कई और अधिकारी मौजूद रहे।

बाढ़ की समीक्षा के लिए सीएम की आपात बैठक:

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ के हालातों पर समीक्षा बैठक की।इस दौरान उन्होंने जिलों की स्थिति के बारे में जाना तो वहीं अधिकारियों को इससे निपटने के लिए निर्देशित किया। सीएम शिवराज ने निर्देश दिए कि प्रदेश के हर जिले की मॉनिटरिंग अनिवार्य तौर पर की जाए।

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सीएम शिवराज ने दिए ये निर्देश:

-अधिकारीयों को निर्देशित किया कि जिला आपदा प्रबंधन समिति की बैठक कर समीक्षा कर लें और आवश्यक राहत कार्य शुरू करें।

-जिला मुख्यालय में स्थित आपदा नियंत्रण केंद्र को 24 घंटे सक्रिय रखा जाए।

-बाढ़ की स्थिति में आपात राहत के लिए सभी उपयोगी उपकरण, खोज एवं बचाव दल पूरी तरह तैयार और मुस्तैद रहें।

-नर्मदा घाटी विकास द्वारा बनाए गए कंट्रोल रूम से सतत संपर्क में रहें।



-बाढ़ के हालात की सूचनाओं देने और समन्वय बनाये रखने के लिए जिला कलेक्टर को अपने सीमावर्ती जिलों के कलेक्टर के साथ संपर्क रखने को कहा गया है।

-पानी भराव की स्थिति पर उस क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए।

-राहत स्थलों पर भोजन, पानी और आश्रय की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।

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पूर्व सीएम कमलनाथ का ट्वीट

बता दें कि एमपी में बाढ़ के हालातों को लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी ट्वीट कर शिवराज सरकार से मांग की थी कि बाहद प्रभावितों की मदद की जाये।



उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'प्रदेश के कई हिस्सों में अनवरत बारिश का दौर जारी है। निचले हिस्सों में पानी भर गया है। जलभराव से कई मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि डूब क्षेत्र में आने वाले निचले इलाकों में तत्काल राहत व बचाव के कार्य शुरू करवाए जाएं। वहां रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए। खतरे वाले स्थलों पर जाने पर रोक लगाई जाए। वहां सुरक्षा के इंतजाम किए जाएं। बचाव व राहत के कार्य पूरी मुस्तैदी से किए जाएं।'

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