CBI ने CIMFR के पूर्व डायरेक्टर-चीफ साइंटिस्ट के खिलाफ दर्ज की FIR, 137 Cr. रुपए घोटाले का आरोप

Coal Sampling : अधिकारियों के अनुसार, CBI ने आरोप लगाया है कि लाइब्रेरियन, MBBS डॉक्टरों और तकनीकी अधिकारियों सहित अपात्र लोगों को उनके योगदान के बिना पैसे का भुगतान किया गया था।

Update: 2023-06-26 15:33 GMT
Coal Sampling scam case (Social Media)

Coal Sampling : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान (CIMFR) के पूर्व डायरेक्टर पीके सिंह (PK Singh, Former Director of CIMFR) और मुख्य वैज्ञानिक एके सिंह (Chief Scientist AK Singh) के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। केंद्रीय एजेंसी ने उन पर कोयला नमूना परियोजनाओं (Coal-Sampling Projects) के लिए 137 करोड़ रुपए के बौद्धिक शुल्क (Intellectual Fee) के वितरण में कथित भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। ये जानकारी अधिकारियों ने दी।

अधिकारियों ने बताया कि, सीबीआई ने आरोप लगाया है कि लाइब्रेरियन (Librarian), MBBS डॉक्टर्स और टेक्निकल ऑफिसर्स अपात्र व्यक्तियों को उनके योगदान के बिना पैसे का भुगतान किया गया था। CBI ने कहा है कि, उन्हें विभिन्न कंपनियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कोयले की गुणवत्ता की जांच के लिए परियोजनाओं में पैसे का भुगतान किया गया था। जबकि, उनका इनोवेटर्स तथा प्रमुख योगदानकर्ताओं की श्रेणी में कोई योगदान नहीं था।

क्या है आरोप?

आरोप है कि चीफ साइंटिस्ट एसके सिंह को कोयला परियोजनाओं के बौद्धिक शुल्क (Intellectual Fee) से 15.36 करोड़ रुपए मिले। वहीं, एके सिंह ने 9.04 करोड़ रुपए प्राप्त किए। उन्होंने सीआईएस के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए वर्ष 2005 और 2017 में तकनीकी हस्तांतरण (Technology Transfer) और जानकारी के आधार पर यह पैसा हासिल किया।

कोयला (Coal), बिजली (Electricity) और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री (Minister of Renewable Energy) की अध्यक्षता में 28 अक्टूबर, 2015 को हुई बैठक में CSIR-CIMFR को बिजली कंपनियों और कोयला कंपनियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कोयले के नमूने तथा विश्लेषण के लिए तीसरे पक्ष की नमूना एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया था।

इस प्रकार समझें

एफआईआर में ये कहा गया है कि संस्थान द्वारा कोयला उत्पादकों और बिजली कंपनियों के साथ 10 वर्ष के कार्यकाल के लिए चार समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए थे। इन्हें आपसी सहमति पर 5 साल के लिए और बढ़ाया जा सकता था। समझौते में विशेष रूप से वार्षिक आधार पर नमूना लिए जाने वाले कोयले की गुणवत्ता (Quality of Coal) का जिक्र किया गया था। कम अवधि के लिए विभिन्न परियोजनाओं में समझौते के किसी भी सब-डिवीजन को तय नहीं किया गया। CSIR-CIMFR द्वारा कई करारों को एक परियोजना में मिलाकर 304 कोयला नमूना परियोजनाएं (Coal Sample Projects) सृजित की गई थीं।

CBI ने कहा- 'दोनों ने साजिश रची'

केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने आरोप लगाया है कि, पीके सिंह और एके सिंह ने एक साजिश रची। जिस वजह से साल 2016 और 2021 के बीच कोयला-नमूना परियोजनाओं के तहत सीआईएफएमआर के वैज्ञानिकों, तकनीकी अधिकारियों तथा प्रशासनिक कर्मचारियों को मानदेय, बौद्धिक शुल्क व परियोजना शुल्क के रूप में 137.79 करोड़ रुपए बांटे गए।

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