इंदौर के कलेक्टर का कोरोना पर बयान, कहा- इसलिए शहर में फैला वायरस
कोरोना वायरस ने मध्य प्रदेश के इंदौर में एयरपोर्ट से इंट्री ली है। जो लोग एयरपोर्ट के रास्ते शहर में आए, उन लोगों की स्क्रीनिंग नहीं हुई थी और न ही उन लोगों को क्वारनटीन किया गया था। इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर इंदौर की जो आज हालत है, उसके लिए एयरपोर्ट से आने वाले लोग जिम्मेदार हैं।
इंदौर कोरोना वायरस ने मध्य प्रदेश के इंदौर में एयरपोर्ट से इंट्री ली है। जो लोग एयरपोर्ट के रास्ते शहर में आए, उन लोगों की स्क्रीनिंग नहीं हुई थी और न ही उन लोगों को क्वारनटीन किया गया था। इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर इंदौर की जो आज हालत है, उसके लिए एयरपोर्ट से आने वाले लोग जिम्मेदार हैं।
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बता दें कि , इंदौर में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। स्वच्छ शहरों की लिस्ट में टॉप पर इंदौर है इसलिए ये सोचना लाजिमी है कि आखिर यहां कोरोना वायरस पहुंचा कैसे? इस सवाल के जवाब में इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने शहर में कोरोना वायरस के प्रकोप के लिए एयरपोर्ट से आने वाले लोगों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि अगर एयरपोर्ट से आने वाले लोगों की पहले स्क्रीनिंग की जाती और उनको क्वारनटीन किया गया होता, तो आज इंदौर में कोरोना वायरस के इतने मामले नहीं होते। इंदौर में करीब 6,000 लोग बाहर से आए थे।
हॉस्पिटलों के खिलाफ कार्रवाई
उन्होंने कहा कि इंदौर में जिस तरीके से कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं, उसी तेजी से इनमें कमी भी आएगी। जो हॉस्पिटल इस संकट की घड़ी में सहयोग नहीं कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। इंदौर में कोरोना वायरस से निपटने के लिए सभी तरह के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। जिले में सैंपल टेस्टिंग और सर्वे करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। शहर में प्रति दो हजार सैंपल लेकर उनकी टेस्टिंग कराई जा रही है। इंदौर में अभी तक 10 लाख लोगों का सर्वे किया जा चुका है। हमारा लक्ष्य है कि 12 लाख से अधिक व्यक्तियों का सर्वे जल्द से जल्द किया जाए। उन्होंने बताया कि अभी 500 टेस्टिंग प्रतिदिन करने की क्षमता है। शीघ्र ही यह क्षमता बढ़कर 600 टेस्टिंग प्रतिदिन की जाएगी।
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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 900 सैंपल जांच के लिए प्लेन से दिल्ली भेजे गए हैं। ये सैंपल हमीदिया हॉस्पिटल, भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल और भोपाल एम्स से लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इंदौर में 26 से 30 एम्बुलेंस चल रही हैं, जो जनसंख्या के हिसाब से कम हैं। ऐसे में कोरोना संकट के समय में लोगों को अस्पताल पहुंचाने में असुविधा हो रही है, जिसके चलते प्रशासन ने ओला और उबर कंपनियों से बात की थी। ओला एम्बुलेंस शहर के अलग-अलग स्पॉट्स पर खड़ी रहेंगी और मरीजों को घर से अस्पताल तक लेकर जाएगी। इसको लेकर ड्राइवरों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है।