अमेरिका में दिल्ली हिंसा की निंदा, कहा- ऐसे कानून को बढ़ावा नहीं देना चाहिए जो....

Update: 2020-02-26 12:40 GMT

नयी दिल्ली: दिल्ली में नागरिकता संसोधन कानून के विरोध में जारी हिंसा बेकाबू होती जा रही है। इस हिंसा की अब चारो तरफ निंदा होने लगी है। बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड अपने दो दिवसीय दौरे पर भारत आये थे। अब उनके वापस लौटने के बाद दिल्ली हिंसा को लेकर हाल ही अमेरिकी सांसदों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। ट्रंप की भारत यात्रा के साथ ही मीडिया इन घटनाओं की भी खबरें दे रहा है।

अमेरिकी सांसदों ने की दिल्ली हिंसा की निंदा

बता दें कि अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने कहा कि भारत में धार्मिक असहिष्णुता में वृद्धि भयावह है। जयपाल ने ट्वीट किया कि लोकतांत्रिक देशों को विभाजन और भेदभाव बर्दाशत नहीं करना चाहिए या ऐसे कानून को बढ़ावा नहीं देना चाहिए जो धार्मिक स्वतंत्रता को कमजोर करता हो।

वहीं, अमेरिकी सांसद एलन लॉवेंथल ने भी हिंसा पर कहा- 'नैतिक नेतृत्व की दुखद असफलता।' उन्होंने कहा कि भारत में मानवाधिकार के खतरे के खिलाफ हमें जरूर बोलना चाहिए।

डेमोक्रेटिक प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट और सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन ने कहा- 'भारत जैसे लोकतांत्रिक पार्टनर्स के साथ रिश्ता मजबूत करना जरूरी है। लेकिन हमें अपने मूल्यों, धार्मिक आजादी और अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर सच भी बोलना चाहिए। शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा कभी भी स्वीकार्य नहीं है।'

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वहीँ अमेरिकी सांसद रशिता तालिब ने कहा- 'इस हफ्ते ट्रंप ने भारत का दौरा किया, लेकिन असल कहानी ये है कि दिल्ली में इस वक्त मुस्लिमों के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा हो रही है। हम चुप नहीं रह सकते क्योंकि देश भर में हिंसा हो रही है।

बता दें कि दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बीते दो दिनों में विरोध इतना हिंसक हो गया कि अब तक 22 लोगों की मौत की हो चुकी है। वहीं सैंकड़ों लोग घायल हो गये। बढ़ती हिंसा को देखते हुए इलाके में हजारों की तादाद में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। पुलिस को आदेश दिया गया है कि देखते ही उपद्रवियों को गोली मार दो।

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