अरे इसमें कॉन्डम! आखिर क्या कर रहे हैं कैब ड्राइवर

आपको सुनकर थोड़ा आश्चर्य लगेगा लेकिन यह सच है कि दिल्ली के कैब चालकों से यह सवाल पूछा जा रहा है। पूरा मामला दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग से है, जहां एक कैब चालक धर्मेंद्र को पुलिस रोकती है।

Update:2023-05-20 23:13 IST

नई दिल्ली: दिल्ली की क्या बात की जाये, दिल वालों की कहे जाने वाली राजधानी दिल्ली की सड़कों पर फर्राटा रफ्तार भर रही कैब के पहिए उस वक्त अचानक रूक जाते हैं, जब ट्रैफिक पुलिस सवाल करती है कि गाड़ी में कॉन्डम रखा है कि नहीं?

आपको सुनकर थोड़ा आश्चर्य लगेगा लेकिन यह सच है कि दिल्ली के कैब चालकों से यह सवाल पूछा जा रहा है। पूरा मामला दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग से है, जहां एक कैब चालक धर्मेंद्र को पुलिस रोकती है।

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बताया जा रहा है कि धर्मेंद्र ने सीट बेल्ट और नीली वर्दी भी पहन रखी है। साथ ही उनके गाड़ी की रफ्तार में नियम के मुताबिक है। पूछने पर धर्मेंद्र बताते हैं कि मेरे फर्स्ट ऐड बॉक्स में कॉन्डोम भी है।

कॉन्डम न रखने पर चालान...

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कैब चालक फर्स्ट ऐड बॉक्स खोलकर दिखाते हैं जिसमें पैरासिटामॉल, बैंडेज, टैबलेट्स और कॉन्डम रखा है। धर्मेंद्र ने कहा कि उनका हाल ही में चालान कॉन्डम न रखने के लिए कट गया, लेकिन जो उन्हें पर्ची थमाई गई वह गाड़ी तेज गति से चलाने की थी। कैब चालक ने कहा कि तब से वो सतर्क हो गया और गाड़ी में कॉन्डम रखकर चलता है।

बताते चलें कि ऐसा सिर्फ धर्मेंद्र ही नहीं बल्कि दिल्ली- एनसीआर में ऐसे कई कैब चालक हैं जो गाड़ी में कॉन्डम लेकर चल रहे हैं।

उन मानना है कि अगर वह ऐसा नहीं करेंगे तो उनका भी चालान कट सकता है।

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ड्राइवर एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा...

दिल्ली सर्वोदय ड्राइवर एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलजीत गिल ने इस घटना के मद्देनजर कहा कि सार्वजनिक वाहन को हर वक्त कम से कम कॉन्डम फर्स्ट ऐड बॉक्स रखकर चलना जरूरी है।

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जारी हुए रिपोर्ट्स के मुताबिक, कैब चालकों को भी नहीं मालूम कि उन्हें फर्स्ट ऐड बॉक्स में कॉन्डम रखना क्यों जरूरी है। हालांकि गिल ने कहा कि कॉन्डम का उपयोग कहीं कट लगने या फिर हड्डी में चोट लगने पर किया जा सकता है, फ्रेक्चर होने पर उस जगह को हॉस्पिटल पहुंचने तक बांधा जा सकता है।

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ट्रैफिक अधिकारियों ने कहा...

वहीं, इसको मैटर पर ट्रैफिक अधिकारियों ने कहा कि इस तरह का कोई नियम नहीं है। अधिकारी ने कहा कि अगर कैब चालक का चालान इस तरह से हो रहा है, तो उनको अथॉरिटीज से संपर्क करना चाहिए।

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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कई ऐसे एनजीओ हैं जो कैब चालकों को सुरक्षित सेक्स करने की सलाह देते हैं और हो सकता है इसलिए वह कॉन्डम रखते हैं। बता दें कि इस तरह के नियमों के बारें में सेंट्रल मोटर वीइकल रूल्स (1989) और दिल्ली मोटर वीइकल रूल्स (1993) में कोई बात नहीं कही गई है।

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