सरकार में टकराव बढ़ा: राज्यपाल व ममता आए आमने-सामने, इस बयान से छिड़ा विवाद
शिक्षा मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों में नियमों के तहत ही नियुक्तियां की जानी चाहिए मगर इस मामले में नियमों का ख्याल नहीं किया गया। शिक्षा मंत्री ने भाजपा के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा पर भी हमला बोला।
कोलकाता। कोरोना संकट काल के बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और ममता सरकार के बीच तनातनी लगातार बढ़ती जा रही है। ताजा मामला वर्धमान विश्वविद्यालय के प्रो वाइसचांसलर की नियुक्ति का है जिस पर दोनों के बीच टकराव बढ़ गया है। राज्यपाल धनखड़ ने प्रो वाइस चांसलर की नियुक्ति के बाद उनके खिलाफ राज्य के शिक्षा मंत्री के बयान को असंवैधानिक और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
राज्यपाल को भाजपा का आदमी बताया
पार्थ चटर्जी ने राज्यपाल को भाजपा का आदमी बताते हुए प्रो वाइसचांसलर की नियुक्ति को कानून के खिलाफ बताया था। उन्होंने इस नियुक्ति को स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों को चलाने के लिए राज्य सरकार की ओर से पैसा दिया जाता है। इसलिए विश्वविद्यालयों के संबंध में फैसला लेने का अधिकार केवल राज्य सरकार को ही है।
शिक्षा मंत्री का बयान शपथ के खिलाफ
शिक्षा मंत्री के इस बयान के बाद एक बार फिर राजभवन और ममता सरकार के बीच तनातनी बढ़ गई है। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा मंत्री को यह ध्यान रखना चाहिए कि उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली है और उनका यह बयान इस शपथ के खिलाफ है। शिक्षा मंत्री के बयान को दुखद बताते हुए उन्होंने कहा कि राजभवन को विवादित बनाने की कोशिश की जा रही है।
ऐसा काम नहीं किया जाना चाहिए।
राज्यपाल ने शिक्षा मंत्री के बयान को अफसोसजनक बताते हुए कहा कि इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। राजभवन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस मामले में मुख्यमंत्री को हस्तक्षेप करना चाहिए।
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राज्यपाल पर पद के दुरुपयोग का आरोप
दूसरी ओर शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने संवाददाता सम्मेलन में राज्यपाल धनकड़ पर पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने राज्य सरकार और शिक्षा विभाग से विचार विमर्श किए बिना ही यह नियुक्ति कर दी है। उन्होंने सवाल किया कि राज्यपाल ऐसा कदम कैसे उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि इस बाबत मीडिया को पहले जानकारी दी गई।
भाजपा के वरिष्ठ नेता पर भी हमला
शिक्षा मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों में नियमों के तहत ही नियुक्तियां की जानी चाहिए मगर इस मामले में नियमों का ख्याल नहीं किया गया। शिक्षा मंत्री ने भाजपा के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा पर भी हमला बोला। सिन्हा ने वर्धमान विश्वविद्यालय में राज्यपाल द्वारा प्रो वाइसचांसलर की नियुक्ति को जायज ठहराते हुए कहा था कि इस बाबत की जा रही आपत्तियों में कोई दम नहीं है।
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कोरोना संकट काल के बीच बढ़ा टकराव
राज्यपाल ने सोमवार को विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के रूप में अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए गौतम चंद्र की नियुक्ति बर्धमान विश्वविद्यालय के प्रो वाइसचांसलर के रूप में की थी। गौतम चंद्र की नियुक्ति 4 साल के लिए की गई है। इस नियुक्ति के बाद राज्यपाल और ममता सरकार में तनातनी फिर बढ़ी है।
हाल के दिनों में ममता सरकार और राज्यपाल के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा है। कोरोना संकट काल में ममता सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों पर भी राज्यपाल आपत्ति जता चुके हैं।
रिपोर्ट - अंशुमन तिवारी
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