MP Election 2023: रेप और फरारी का मामला छिपाने पर घिरे कैलाश विजयवर्गीय, शपथ पत्र पर उठे सवाल, कांग्रेस ने बोला हमला

MP Election 2023: कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि विजयवर्गीय ने अपने खिलाफ दो गंभीर मामलों का शपथ पत्र में कोई जिक्र नहीं किया है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि पश्चिम बंगाल में दर्ज रेप केस और छत्तीसगढ़ में दर्ज केस में फरारी के मामले का शपथ पत्र में उल्लेख नहीं किया गया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2023-11-02 12:57 IST

Kailash Vijayvargiya  (photo: social media )

MP Election 2023: मध्य प्रदेश कामे विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इस बार पार्टी के बड़े चेहरे कैलाश विजयवर्गीय को भी चुनावी अखाड़े में उतार दिया है। पार्टी महासचिव विजयवर्गीय को इंदौर-1 विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया है। कैलाश विजयवर्गीय की ओर से नामांकन दाखिल किए जाने के बाद उनके शपथ पत्र को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं।

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि विजयवर्गीय ने अपने खिलाफ दो गंभीर मामलों का शपथ पत्र में कोई जिक्र नहीं किया है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि पश्चिम बंगाल में दर्ज रेप केस और छत्तीसगढ़ में दर्ज केस में फरारी के मामले का शपथ पत्र में उल्लेख नहीं किया गया है। पार्टी ने विजयवर्गीय का नामांकन रद्द करने की भी मांग की है। कांग्रेस की ओर से लगाए गए आरोप के बाद विजयवर्गीय ने इस मामले में सफाई भी दी है।

कोर्ट ने घोषित कर रखा है भगोड़ा

इंदौर में कांग्रेस की ओर से आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पार्टी के प्रवक्ता चरण सिंह सपरा ने कहा कि दुर्ग में 1999 में दर्ज हुए केस में कोर्ट ने विजयवर्गीय को भगोड़ा घोषित कर रखा है। कोर्ट की ओर से भगोड़ा घोषित व्यक्ति इंदौर में खुलेआम प्रचार करने में जुटा हुआ है। कोई आम नागरिक होता तो पुलिस उसे पहले ही गिरफ्तार कर लेती।

कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ कांग्रेस की ओर से चुनावी अखाड़े में उतरे उम्मीदवार संजय शुक्ला के प्रस्तावक दीपू यादव और वकील रविंद्र सिंह छाबड़ा ने इस मामले में आपत्ति भी दर्ज कराई है। कांग्रेस ने विजयवर्गीय का नामांकन रद्द करने की मांग की है।


पश्चिम बंगाल में दर्ज है रेप का गंभीर मामला

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भी कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ एक गंभीर मामला दर्ज हुआ था। दरअसल पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रभारी रहे विजयवर्गीय के खिलाफ एक महिला ने दुष्कर्म और अमानत में खयानत सहित अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। कोर्ट के आदेश पर अलीपुर थाने में यह मामला दर्ज किया गया था।

इस मुकदमे के खिलाफ विजयवर्गीय ने हाईकोर्ट में अपील की थी मगर हाईकोर्ट ने उनकी अपील को खारिज कर दिया था। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को फिर से मामले पर विचार करने का निर्देश दिया था। विजयवर्गीय के खिलाफ अभी तक यह केस खत्म नहीं हुआ है।


कांग्रेस का कहना है कि नामांकन फॉर्म भरते समय विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल में दुष्कर्म और दुर्ग के मामले में फरारी का कोई जिक्र नहीं किया है। इन गंभीर मामलों को शपथ पत्र में छिपाया गया है जिसके खिलाफ निर्वाचन आयोग से शिकायत की गई है।

कांग्रेस के हमले पर विजयवर्गीय ने दी सफाई

कांग्रेस की ओर से घेरे जाने के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मैं 1990 के बाद विधानसभा के 6 और एक बार मेयर का चुनाव लड़ चुका हूं। कांग्रेस के लोगों को अब मेरे खिलाफ आरोपों की याद आई है। हालांकि वे अपने खिलाफ पश्चिम बंगाल में दर्ज केस पर कुछ बोलने से बचते हुए दिखे। दुर्ग के मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह मामला इतना पुराना पड़ चुका है कि मुझे याद भी नहीं है। इतने चुनाव के बाद कांग्रेस के लोग इस मामले को ढूंढकर लाए हैं।

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