Bholenath Pandey: जब इंदिरा गांधी की रिहाई के लिए भोलानाथ पांडेय ने कर लिया था हवाई जहाज हाईजैक, कांग्रेस नेता के निधन पर जानिए अनसुना किस्सा

Bholenath Pandey: कांग्रेस के पूर्व विधायक और वयोवृद्ध नेता भोलानाथ पांडेय का शुक्रवार को निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार शनिवार को लखनऊ के भैंसा कुंड में किया जाएगा।

Update: 2024-08-23 14:40 GMT

Bholenath Pandey: कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता एवं पूर्व विधायक भोलानाथ पांडेय का शुक्रवार को निधन हो गया। उनका पार्थिव शरीर अन्तिम दर्शन के लिए उनके गोमती नगर लखनऊ में स्थित आवास-3/315 विशाल खंड में रखा गया है। उनकी अन्त्येष्टि शनिवार सुबह भैंसा कुंड में की जाएगी। यहां आज हम पूर्व विधायक के कुछ किस्सों को बताने जा रहे हैं, जिसे सुन आप दंग रह जाएंगे। बात साल 1978 की है, जब भोलानाथ पांडेय और देवेंद्र पांडेय ने हवाई जहाज को हाईजैक कर लिया था। दोनों ने इंदिरा गांधी को बिना शर्त पुलिस हिरासत से रिहा करने की मांग की थी। यहां सबसे बड़ी बात यह है कि जिस पिस्टल और बम के दम पर दोनों ने हवाई जहाज को हाईजैक किया गया था, वो बच्चों के खेलने के खिलौने थे।

और पायलट पर तान दी पिस्टल

बता दें कि इमरजेंसी के बाद इंदिरा गांधी की सरकार चली गई थी। जनता पार्टी के मोरार जी देसाई प्रधानमंत्री और चौधरी चरण सिंह गृहमंत्री बने थे। 1977 में इनके आदेश पर इंदिरा गांधी को अक्टूबर में गिरफ्तार कर लिया गया था। लखनऊ एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए 20 दिसंबर 1978 को आईसी-410 ने उड़ान भरी। कुछ ही देर बाद दो युवक जबरन कॉकपिट में घुस गए और पायलट पर पिस्टल तान दी। ये दोनों कोई और नहीं, बल्कि भोलानाथ पांडे (27) और देवेंद्र पांडेय (28) थे। दोनों ने पायलट से प्लेन को नेपाल की ओर ले जाने को कहा। इस पर पायलट ने कहा कि इतना ईंधन नहीं है कि प्लेन नेपाल पहुंच सके। इसके बाद दोनों ने प्लेन को बांग्लादेश ले जाने की बात कही। हालांकि, बाद में दोनों वाराणसी में लैंड करने पर राजी हो गए।


इंदिरा गांधी जिंदाबाद और संजय गांधी जिंदाबाद के नारे लगाए

इसके बार जहाज वाराणसी की ओर चल पड़ा। दोनों यात्रियों के बीच पहुंचे और इंदिरा गांधी जिंदाबाद और संजय गांधी जिदाबांद के नारे लगाए। इसके साथ ही उन्होंने तत्कालीन यूपी के मुख्यमंत्री राम नरेश यादव से बात करवाने की मांग की। मोरार जी देसाई के कहने पर राम नरेश यादव वाराणसी पहुंचे। उनके सामने अपहरणकर्ताओं ने चार मांगे रखीं, जिनमें पहली शर्त थी कि इंदिरा गांधी को बिना शर्त जेल से रिहा किया जाए। साथ ही मुख्यमंत्री को विमान में आने की बात कही। इस पर मुख्यमंत्री राम नरेश यादव ने पहले विदेशी यात्रियों और महिला यात्रियों को रिहा करने की बात कही। रातभर वार्ता चली, लेकिन फिर भी कोई हल नहीं निकला। इस दौरान प्लेन में यात्रियों को घुटन होने लगी। उनकी मांग पर अपहरणकर्ताओं ने हवाई जहाज के पिछले हिस्से को खोलने की इजाजत दी। इस पर कैप्टन ने इंरजेंसी गेट खोल दिया। गेट खुलते ही आधे से ज्यादा यात्री फौरन प्लेन से भाग गए।


पिता से बात के बाद अपहरणकर्ता प्लेन से बाहर आ गए

अपहरणकर्ताओं के पिता वाराणसी पहुंचे और बेटे से वायरलेस पर बात की। पिता से बात करने के बाद दोनों अपहरणकर्ता पुलिस के साथ हवाई जहाज से बाहर आ गए। जब पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया, तो पुलिस भी हैरान र गई थी, क्योंकि उनके पास खिलौने वाली पिस्टल और क्रिकेट बॉल थी। दो साल बाद 1980 में इंदिरा गांधी फिर से सत्ता में आईं और दोनों भोलानाथ पांडेय और देंवेंद्र पांडेय को विधायकी का टिकट दे दिया। दोनों जीतकर विधानसभा पहुंचे। भोलानाथ पांडेय बलिया से दो बार विधायक चुने गए थे।

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