Ayodhya Ram Mandir: ‘लोकसभा चुनाव जीतने के लिए भाजपा राम मंदिर पर बम गिरवा सकती है’ कांग्रेस विधायक के विवादित बयान से आया भूचाल
Ayodhya Ram Mandir: कर्नाटक बीजेपी ने कांग्रेस विधायक का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया है। जिसके बाद से यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
Ayodhya Ram Mandir: प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य जोर-शोर से चल रहा है। मंदिर का उद्घाटन अगले साल जनवरी में होना है। ये समय लोकसभा चुनाव से ऐन पहला का होगा। लिहाजा इसे लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शिरकत करने को लेकर विपक्ष पहले ही हमलावर है। इस बीच कर्नाटक के एक कांग्रेस विधायक ने बीजेपी पर निशाना साधऩे के चक्कर में एक विवादित टिप्पणी कर दी है।
कर्नाटक बीजेपी ने कांग्रेस विधायक का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया है। जिसके बाद से यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में कांग्रेस विधायक बीआर पाटिल नजर आ रहे हैं। कन्नड़ भाषा में वह कहते सुनाई दे रहे हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव को जीतने के लिए और हिंदू वोटों को मजबूत करने के लिए बीजेपी राम मंदिर पर बम से हमला करवा सकती है और इसका दोष मुस्लिम समुदाय पर मढ़ सकती है।
बीजेपी ने वीडियो शेयर कर किया पलटवार
भारतीय जनता पार्टी की कर्नाटक ईकाई ने विधायक बीआर पाटिल के विवादित बयान वाला वीडियो शेयर करते हुए कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है। बीजेपी ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा, हिंदुत्व की बुनियाद पर सवाल उठाने वाले कांग्रेसियों की नजर राम मंदिर पर लग चुकी है। ये लोग राममंदिर को नुकसान पहुंचाकर हिंदू और मुसलमानों में लड़ाई कराना चाहते हैं और उसका दोष सरकार पर मढ़ने की तैयारी है। यही वजह है कि बीआर पाटिल इस तरह के अनाप-शनाप बातें कर रहे हैं।
उद्धव ठाकरे ने भी गोधरा जैसे हादसे की जताई थी आशंका
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को लेकर विवादित बयान पहले भी आते रहे हैं। कुछ दिनों पहले ही बीजेपी की पूर्व सहयोगी और राममंदिर आंदोलन में शामिल रही शिवसेना (उद्धव) के प्रमुख और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने बड़ा बयान दिया था। ठाकरे ने देश में एकबार फिर गोधरा जैसी घटना होने की संभावना जताई थी। उन्होंने कहा था कि अयोध्या में 22 जनवरी को बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की उम्मीद है। ऐसे में उनके वापसी के दौरान गोधरा जैसी घटना हो सकती है।
दरअसल, 27 फरवरी 2002 को अयोध्या से लौट रहे कारसेवकों पर हमला किया गया था। गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के कोच में आग लगा दी गई थी, जिससे 59 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद पूरे गुजरात में भयानक सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी, जिसमें एक हजार से अधिक लोग मारे गए थे। उस दौरान सूबे के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी थे। लिहाजा दंगों को न रोकने को लेकर उनपर गंभीर आरोप लगे थे।