Congress Meeting: चुनावी हार के बाद कमलनाथ और बघेल निशाने पर, कार्यसमिति की बैठक में दोनों नेताओं पर जमकर हुए हमले, कैंपेन पर भी उठे सवाल

Congress Meeting: कई नेताओं का मानना था कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कमलनाथ और बघेल ने काफी मनमानी की और दूसरे नेताओं की अनदेखी करते हुए अपने हिसाब से चुनाव अभियान चलाया।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2023-12-22 08:15 GMT

Kamal Nath and Bhupesh Baghel (photo: social media )

 

Congress Meeting: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस हार के कारणों का विश्लेषण करने में जुटी हुई है। इसी सिलसिले में गुरुवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में हार के कारणों पर विस्तृत मंथन किया गया। बैठक के दौरान कई नेताओं ने कमलनाथ और भूपेश बघेल पर जमकर निशाना साधा। मध्य प्रदेश में चुनावी हार के लिए दिग्विजय सिंह की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए।

कई नेताओं का मानना था कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कमलनाथ और बघेल ने काफी मनमानी की और दूसरे नेताओं की अनदेखी करते हुए अपने हिसाब से चुनाव अभियान चलाया। भाजपा के मुकाबले कांग्रेस का चुनाव अभियान काफी अव्यवस्थित नजर आया। बैठक में कई नेताओं ने मांग की कि लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों का चयन समय से किया जाना चाहिए ताकि उम्मीदवारों को अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत बनाने में मदद मिल सके।

कमलनाथ और बघेल पर साधा निशाना

बैठक में मौजूद कई नेताओं ने मध्य प्रदेश कांग्रेस के दो बड़े नेताओं कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की खामियां गिनाते हुए कहा कि दोनों नेताओं ने पूरी मजबूती के साथ चुनाव अभियान नहीं चलाया। बैठक में मौजूद राहुल गांधी ने भी पार्टी के चुनाव कैंपेन में खामी की बात का जिक्र करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश के साथ छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी पार्टी कैंपेन के जरिए लोगों तक पहुंचने में कामयाब नहीं रही।

छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपनी जीत मान रही थी मगर यहां भी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में कार्यसमिति के कई सदस्यों ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर भी निशाना साधा। कुछ नेताओं का कहना था कि कमलनाथ और बघेल ने चुनाव अभियान के दौरान पूरी तरह मनमानी की और पार्टी के दूसरे नेताओं की अनदेखी की गई। कमलनाथ पर केंद्रीय नेताओं को भी नजरअंदाज करने का बड़ा आरोप भी लगाया गया।

खड़गे ने भी कमलनाथ पर उठाए सवाल

मध्य प्रदेश में चुनावी हार का जिक्र करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी कमलनाथ की रणनीति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कई मौकों पर सलाह से असहमत होने की स्थिति में कमलनाथ बैठक तक छोड़कर चले गए। पार्टी के वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक का कहना था कि मध्य प्रदेश के चुनाव अभियान से ऐसा लगा कि जैसे पूरा चुनाव कमलनाथ के नाम पर ही लड़ा जा रहा था। इस चुनाव के दौरान नारे लगाए जा रहे थे-जय-जय कमलनाथ।

कार्यसमिति की बैठक के दौरान कहा गया कि कांग्रेस अपना वोट प्रतिशत बनाए रखने में कामयाब रही मगर भाजपा ने बसपा और आदिवासी वोटों के जरिए अपना वोट प्रतिशत बढ़ाते हुए बड़ी जीत हासिल कर ली। रणदीप सुरजेवाला का कहना था कि बूथ मैनेजमेंट में मजबूती के जरिए भाजपा कांग्रेस को पछाड़ने में कामयाब रही। कार्यसमिति के अन्य सदस्यों की बातों से असहमति जताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने हार के लिए केंद्रीय नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया।

उम्मीदवार अभी से तय करने पर जोर

बैठक के दौरान लोकसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई। पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर का कहना था कि पार्टी को अभी से उम्मीदवार तय करने पर जोर देना चाहिए। यदि पार्टी यह कदम उठाने में कामयाब रही तो उम्मीदवारों को अपनी जमीन तैयार करने में बड़ी मदद मिलेगी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और मनीष तिवारी ने भी शशि थरूर की बातों का समर्थन किया।

दोनों नेताओं का कहना था कि लोकसभा चुनाव के लिए अभी से तैयारी शुरू की जानी चाहिए और इसके साथ ही इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के साथ सीटों के बंटवारे पर बातचीत को फाइनल किया जाना चाहिए। बातचीत फाइनल होने के बाद ही कांग्रेस लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी रणनीति बनाने में कामयाब हो सकेगी।

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