कांग्रेस ने 7 नवम्बर को बुलाई CWC की मीटिंग, अध्यक्ष पद के लिए सोनिया का बढ़ सकता है कार्यकाल
कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारक वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक आगामी 7 नवंबर को बुलाई गई है। कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी का कार्यकाल एक और साल बढ़ाया जाना लगभग तय माना जा रहा है। पार्टी अध्यक्ष पद के लिए सोनिया को लगातार दूसरी बार एक्सटेंशन दिया जा रहा है।
नई दिल्ली: कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारक वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक आगामी 7 नवंबर को बुलाई गई है। इस बैठक में कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी का कार्यकाल एक और साल बढ़ाया जाना लगभग तय माना जा रहा है। पार्टी अध्यक्ष पद के लिए सोनिया को लगातार दूसरी बार एक्सटेंशन दिया जा रहा है।
सोनिया को पिछली बार साल 2010 में पांच साल के लिए पार्टी अध्यक्ष चुना गया था। यह कार्यकाल 2015 में समाप्त होने के बाद उन्हें एक साल का विस्तार दिया गया था, लेकिन पिछले साल कई कारणों से सांगठनिक चुनाव प्रकिया साल भर के लिए टाल दी गई थी। अध्यक्ष के तौर पर सोनिया अब 20 साल पूरा करेंगी। साल 1997 में पहली पार सोनिया गांधी कांग्रेस की प्रेसिडेंट बनीं थीं।
चुनाव आयोग की हिदायत है कि प्रत्येक पार्टी जो भी चुनाव आयोग में रजिस्टर्ड है उसे अपने संविधान के अनुसार चुनाव कराना होगा। कांग्रेस को अपने संविधान के हिसाब से प्रत्येक पांच साल बाद चुनाव कराना चाहिए था, लेकिन पार्टी ने संविधान में संशोधन कर कार्यकाल बदलकर तीन साल कर दिया था। अगले एक साल की अवधि के साथ ही अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी 20 साल पार्टी अध्यक्ष पद के तौर पर कार्यकाल पूरा कर लेंगी।
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राहुल गांधी को लेकर भ्रम
साल 2014 के लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद पार्टी ने तय किया था कि राहुल गांधी देशभर में सांगठनिक कमान अपने हाथ में लेंगे और साल भर बाद यानी 2015 के अंत तक उन्हें पार्टी अध्यक्ष बना दिया जाएगा, लेकिन दो साल बीतने के बाद भी राहुल गांधी अपनी टीम खड़ी नहीं कर पाए।
पार्टी के भीतरी जानकारों का मानना है कि सांगठनिक चुनाव बिना किसी ठोस वजह के टलना कांग्रेस के लिए शुभ संकेत नहीं है। पार्टी में कई स्तरों पर यथास्थितिवाद हावी है, जिससे कई राज्यों में पार्टी के साथ युवाओं और नए लोगों को जोड़ने की पूरी रणनीति भवंर में फंसी है।
पांच राज्यों के चुनाव और प्रियंका फैक्टर
सोनिया के करीबी सूत्रों का कहना है कि आगामी कुछ महीनों में यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनावों की रणनीति पर भी चर्चा होगी। हालांकि अभी एजेंडे को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। प्रियंका गांधी को आगामी 19 नवंबर से यूपी चुनावों के प्रचार में उतारने की योजना पार्टी बना चुकी है।
सूत्रों का कहना है कि इस मामले पर पार्टी की वर्किंग कमेटी में विचार विमर्श होने की पूरी संभावना है। कांग्रेस को यह भी तय करना है कि सपा में मचे घमासान के बाद बीजेपी और बसपा की चुनौती की सूरत में कांग्रेस विधानसभा में अपनी सीटों का इजाफा करने में कैसे सक्षम हो सकेगी।