H3N2 Virus and Corona Virus: एच3 एन2 वायरस के साथ कोरोना केस भी बढ़े, इन लक्षणों से हो जाएं सावधान

H3N2 Virus and Corona Virus: देश में इंफ्लुएंजा एच3एन2 वायरस के बढ़ते मामलों के बीच पिछले कुछ दिनों में कुछ राज्यों में कोरोना के केस भी बढ़े हैं। इसको लेकर केंद्र सरकार अलर्ट हो गई है।

Update:2023-03-13 22:22 IST

H3N2 Virus and Corona Virus: देश में इंफ्लुएंजा एच3एन2 वायरस के बढ़ते मामलों के बीच पिछले कुछ दिनों में कुछ राज्यों में कोरोना के केस भी बढ़े हैं। इसको लेकर केंद्र सरकार अलर्ट हो गई है और कहा है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस संबंध में जरूरी कदम उठाने की जरूरत है। केंद्र ने राज्यों से जरूरी दवाइयों और मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता के साथ-साथ वैक्सीनेशन की तैयारियों का जायजा लेने के लिए भी कहा है।

500 नए केस

भारत में 113 दिनों के अंतराल के बाद रविवार को कोरोना के 524 नए मामले और सोमवार 13 मार्च को 444 मामले दर्ज किए गए। आंकड़ों में कहा गया है कि केरल और तमिलनाडु में एक एक व्यक्ति की मृत्यु के साथ, मरने वालों की संख्या बढ़कर 5,30,782 हो गई है। ताजा मामलों के साथ, सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 3,809 हो गई है।

बड़ा बदलाव

विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस के पैटर्न में उल्लेखनीय और अप्रत्याशित रूप से बदलाव आया है। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के एक वरिष्ठ सलाहकार डॉ धीरेन गुप्ता ने कहा, "पिछले 6 महीनों में वायरस के पैटर्न में उल्लेखनीय और अप्रत्याशित रूप से बदलाव आया है। आम तौर पर, हम इन्फ्लूएंजा को नंबर 1 वायरस के रूप में देखते हैं जो अस्पताल में भर्ती होने का कारण बन सकता है। इस बार इन्फ्लुएंजा ए वायरस सब वेरियंट एच3 एन2 ने सांस के बहुत सारे संक्रमणों को जन्म दिया है।" यह चिंता का विषय है क्योंकि पैटर्न में बदलाव न केवल अस्पताल में भर्ती होने की ओर ले जा रहा है बल्कि कई रोगियों को आईसीयू की आवश्यकता भी पड़ रही है।

आईसीएमआर के अनुसार, गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण के कारण मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहाँ वे बुखार और खांसी के साथ दिखाई दे रहे थे। 27 फीसदी मरीजों में सांस फूलने के लक्षण दिख रहे हैं, जबकि 16 फीसदी में घरघराहट के लक्षण दिख रहे हैं।

15 प्रतिशत से अधिक रोगियों ने निमोनिया के लक्षण दिखाए हैं और 6 प्रतिशत ने दौरा पड़ने की सूचना दी है। संक्रमित व्यक्ति दस्त और उल्टी जैसी गैस्ट्रिक समस्याओं का भी अनुभव कर सकता है।

बीमारी के पांचवें या छठे दिन कई रोगी कानों में भरेपन की शिकायत करने लगते हैं या ऐसा महसूस करते हैं कि कानों के अंदर कुछ अवरुद्ध हो गया है। यह युवा वयस्कों में अधिक आम है।

सावधानी बरतें

इस वायरस या अन्य संक्रमण से बचने के लिए स्वयं सावधानी बरतनी होगी। मास्क लगाएं, हाथ साबुन से बार बार धोएं, नाक मुंह मे हाथ न लगाएं, संक्रमित व्यक्ति से बचें।

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