कोरोना का कहर: सात मई तक बढ़ाया गया लॉकडाउन, भारत में फंसे सैकड़ों नागरिक

भारत-नेपाल सीमा भी नेपाल की ओर से सात मई तक सील रहेगी। ऐसे में भारतीय क्षेत्र में फंसे नेपाली नागरिकों को अपने वतन लौटने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा।

Update: 2020-04-28 12:33 GMT

नई दिल्ली: कोरोना से मुक्ति पाने के लिए और इसके प्रसार को बढ़ने से रोकने के लिए पड़ोसी देश नेपाल ने सात मई तक लॉक डाउन बढ़ा दिया है। भारत-नेपाल सीमा भी नेपाल की ओर से सात मई तक सील रहेगी। ऐसे में भारतीय क्षेत्र में फंसे नेपाली नागरिकों को अपने वतन लौटने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। अकेले चंपावत जिले में 214 नेपाली नागरिक फंसे है, जो राहत कैंपों में ठहराए गए हैं।

सैकड़ों लोगों को अपने वतन लौटने की प्रतीक्षा

बात दें कि भारत-नेपाल सीमा सील होने के कारण नेपाल से लगे भारतीय सीमा क्षेत्रों में सैकड़ों नेपाली नागरिक फंसे हुए हैं। पिथौरागढ़ के धारचूला, झूलाघाट और चंपावत के बनबसा, टनकपुर सीमा के रास्ते नेपाल जाने के लिए पहुंचे सैकड़ों लोग यहां राहत कैंपों में रहकर अपने वतन लौटने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

उम्मीद थी कि नेपाल सरकार अपने नागरिकों को ले जाएगी

गत 23 अप्रैल को नेपाल के कंचनपुर के जिलाधिकारी नूरहरी खतिपड़ा, एसपी मुकुंद मरासैनी और नेपाल सशस्त्र पुलिस के एसपी वीर बहादुर साहु सीमा के इस पार आकर राहत कैंपों में ठहरे नेपाली नागरिकों की समस्या से रूबरू होकर लौटे तो उम्मीद थी कि नेपाल सरकार अपने नागरिकों को ले जाएगी। लेकिन नेपाल सरकार ने फिलहाल अपने नागरिकों को ले जाने से मना कर दिया है। इस बीच, कोरोना का संक्रमण बढ़ने से नेपाल सरकार ने अब लॉकडाउन सात मई तक बढ़ा दिया है।

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नेपाल में अब तक कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 52

सीमा पार से मिली जानकारी के मुताबिक, नेपाल में अब तक कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 52 पहुंच चुकी है और संक्रमित तीन जमातियों समेत 14 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। जबकि कोरोना से मौत का आंकड़ा अभी शून्य है।

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