वैक्सीनेशन पर बड़ी खबर: जल्द शुरू हो सकता है टीकाकरण, जानिए पूरी डिटेल
वैक्सीनेशन प्वाइंट की संख्या बढ़ाई जा सकती है। सबसे पहले वैक्सीन की डोज़ एक करोड़ हेल्थ वर्कर्स को दी जाएगी। इसके बाद करीब 2 करोड़ फ्रंट लाइन वर्कर्स को दी जाएगी।
नई दिल्ली: सरकार ने कोरोना की दो वैक्सीन- ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्रेजेनेका की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी। खबरों के मुताबिक, अलग-अलग फेज में वैक्सीनेशन का काम होगा।
अगले 6-8 महीने में करीब 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन की डोज़ मिल जाएगी। पीएम मोदी ने भी सोमवार को वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा था कि देश में बनी कोरोना की वैक्सीन लगने का काम शुरू होने वाला है।
कंपनियों को हरी झंडी
कोरोना वैक्सीन को हरी झंडी मिलने के बाद अब इसके भंडारण का काम शुरू हो गया है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि जिन दो वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को हरी झंडी मिली है, सरकार अब उनके साथ खरीददारी की डील कर रही है अलग-अलग बैच में 5 से 6 करोड़ वैक्सीन की डोज़ खरीदी जाएगी। शुरुआती फेज में करीब 3 करोड़ लोगों को ये वैक्सीन लगाई जाएगी।
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वैक्सीन देने की ट्रेनिंग
अब तक देश भर में करीब डेढ़ लाख लोगों को वैक्सीन देने की ट्रेनिंग भी दी गई है। इसके अलावा देश भर में हेल्पलाइन नंबर भी तैयार किया जा रहा है जिससे कि वैक्सीन से जुड़ी सारी जानकारियां लोगों का दी जा सके।
स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के मुताबिक टीकाकरण का काम चुनाव प्रक्रिया के तहत हर बूथ लेवल पर किया जाएगा। यूआईपी के तहत आने वाले 28900 कोल्ड चेन और करीब 8500 इक्विपमेंट का इस्तेमाल किया जाएगा।
वैक्सीनेशन की ड्राई रन सफल
सरकारी अधिकारियों के मुताबिक कागजी काम में थोड़ा समय लगेगा, लेकिन बाकी चीजों का इंतजाम तेजी से किया जा रहा है जिससे कि वैक्सीनेशन में देरी न हो। देश भर में वैक्सीनेशन की ड्राई रन सफल रही है। कुछ राज्यों में दिक्कतें आई थी।
लेकिन अब सारी परेशानियों को दूर कर लिया गया है। इसके अलावा जिस कोविन एप के जरिए वैक्सीनेशन देने के लिए रजिस्ट्रेशन का काम किया जाएगा उसे भी दुरुस्त कर लिया गया है।
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पहली डोज़ एक करोड़ हेल्थ वर्कर्स
कहा जा रहा है कि जरूरत पड़ने पर वैक्सीनेशन प्वाइंट की संख्या बढ़ाई जा सकती है। सबसे पहले वैक्सीन की डोज़ एक करोड़ हेल्थ वर्कर्स को दी जाएगी। इसके बाद करीब 2 करोड़ फ्रंट लाइन वर्कर्स को दी जाएगी।
वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से डील पूरी होने के बाद इन्हें देश के अलग-अलग 31 मेन हब में रखा जाएगा। ये हब देश के अलग-अलग हिस्सों में बनाए गए हैं। इसके बाद इन वैक्सीन को यहां से देश के 28 हजार वैक्सीनेशन प्वाइंट पर भेजा जाएगा। ये प्वाइंट अलग-अलग राज्यों में है।