कोरोना की वैक्सीन लगवाना अनिवार्य नहीं: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के लिए छह आम सवालों की सूची के साथ, अन्य लोगों के लिए कुल 21 सवाल और उनके जवाब जारी किए हैं।

Update: 2020-12-20 06:59 GMT
कोरोना की वैक्सीन लगवाना अनिवार्य नहीं: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (PC: Social Media)

लखनऊ: भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के बीच सरकार अगले साल की शुरुआत में कोरोना वैक्सीन का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाने के लिए तैयार है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीकाकरण अभियान को लेकर लोगों में जागरूकता लाने और अभियान के संबंध में लोगों के मन में आमतौर पर आने वाले सवालों के जवाब जारी किए हैं।

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के लिए छह आम सवालों की सूची के साथ, अन्य लोगों के लिए कुल 21 सवाल और उनके जवाब जारी किए हैं। इन सवालों में प्रमुख रूप से जैसे, टीका लेना अनिवार्य है?, टीकाकरण के बाद एंटीबॉडी विकसित होने में कितना समय लगेगा? और क्या कोरोना महामारी से ठीक होने वालों के लिए भी वैक्सीन लगवाना आवश्यक है? आदि सवालों को शामिल किया गया है।

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मंत्रालय के अनुसार, कोरोना महामारी से ठीक होने वाले लोगों के लिए वैक्सीन लगवाना अधिक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बढ़ाने के लिहाज से उचित रहेगा। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि कोरोना वायरस से संक्रमण के पिछले इतिहास के बावजूद कोरोना वैक्सीन का पूरा शेड्यूल प्राप्त करना बेहतर रहेगा। इससे बीमारी के खिलाफ एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया (इम्यूनिटी) विकसित करने में मदद मिलेगी और मरीज में भविष्य में माहामारी से लड़ने की ताकत बढ़ेगी।

क्या मरीजों को 14 दिन तक टीकाकरण से दूर रहना चाहिए?

इस सवाल के जवाब पर ने विशेष रूप से कहा है कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने और ठीक नहीं होने वाले मरीजों को 14 दिन तक टीकाकरण अभियान से दूर रहना चाहिए। इससे वह दूसरों को संक्रमित करने के खतरे को कम करेंगे।

क्या दो खुराक लेना जरूरी है?

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि नियमानुसार वैक्सीन के शेड्यूल को पूरा करने के लिए लोगों को 28 दिनों में वैक्सीन की दो खुराक लेना आवश्यक है। एंटीबॉडी का सुरक्षात्मक स्तर आमतौर पर दूसरी खुराक लेने के दो सप्ताह बाद विकसित होता है। मंत्रालय ने कहा कि प्रारंभिक चरण में स्वास्थ्य सेवा और फ्रंटलाइन श्रमिकों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसी तरह 50 से अधिक आयु वर्ग के लिए उपलब्धता के आधार पर टीकाकरण शुरू होगा।

क्या अधिक जोखिम वालों को प्राथमिकता दी जाएगी?

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार प्रारंभिक चरण में वैक्सीन की सीमित आपूर्ति के कारण यह पहले उन लोगों को दी जाएगी जिन्हें कोरोना संक्रमण का सबसे अधिक खतरा है। बाद के चरणों में वैक्सीन को अन्य सभी को जरूरत के आधार पर उपलब्ध कराया जाएगा।

टीकाकरण कार्यक्रम की सूचना

मंत्रालय ने कहा है कि पात्र लाभार्थियों को उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर सूचित किया जाएगा कि टीकाकरण कब और कहां आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा लाभार्थियों को वैक्सीन लेने के बाद टीकाकरण केंद्र में कम से कम 30 मिनट तक आराम करने और असुविधा के मामले में संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित करने की सलाह भी दी जाएगी। मंत्रालय ने कहा कि वैक्सीन लेने के बाद हल्का बुखार, दर्द और बेचैनी हो सकती है।

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फोटो पहचान पत्र जरूरी

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार लाभार्थी के पंजीकरण और सत्यापन दोनों के लिए फोटो पहचान पत्र जरूरी है। इससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि इच्छित व्यक्ति को वैक्सीन दी गई है। मंत्रालय के अनुसार लोग ड्राइविंग लाइसेंस, मनरेगा जॉब कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक, पासपोर्ट, पेंशन दस्तावेज़, वोटर-आईडी, सांसद, विधायक, का अधिकारिक पहचान पत्र, सरकार द्वारा जारी सेवा कार्ड और श्रम मंत्रालय द्वारा जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्टकार्ड से भी पंजीयन करा सकते हैं।

रिपोर्ट- नीलमणि लाल

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