अब ऐसे सुधरेगी अर्थव्यवस्था, IMF ने उठाया बड़ा कदम

कोरोना वायरस के चलते देश को लॉकडाउन रखा गया है। जिस वजह से भारत की अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ चुकी है। कोरोना के प्रकोप के चलते भारत को काफी नुकसान हो रहा है।

Update: 2020-04-11 07:29 GMT
अब ऐसे सुधरेगी अर्थव्यवस्था, IMF ने उठाया बड़ा कदम

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के चलते देश को लॉकडाउन रखा गया है। जिस वजह से भारत की अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ चुकी है। कोरोना के प्रकोप के चलते भारत को काफी नुकसान हो रहा है। सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था से निपटने के लिए अब अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (International Monetary Fund- IMF) ने बाहरी सलाहकार एक समूह का गठन किया है। जिसमें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का नाम भी शामिल है।

2016 में खत्म हुआ था कार्यकाल

बता दें कि रघुराम राजन तीन साल तक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रह चुके हैं। सितंबर 2016 में आरबीआई गवर्नर के तौर पर उनका कार्यकाल खत्म हुआ था। मौजूदा समय में वो शिकागो यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। इसके बाद RBI के गर्वनर पद की जिम्मेदारी उर्जित पटेल संभाली। गौरतलब है कि उर्जित पटेल के कार्यकाल के दौरान ही 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी हुई थी।

 

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समूह में ये अर्थशास्त्री हैं शामिल

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने बताया कि RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के साथ 11 अन्य अर्थशास्त्री बाहरी सलाहकार समूह के सदस्य हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने जो बाहरी सलाहकार का समूह गठित किया है, उसमें सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्री तारमण षणमुगरत्नम, मैसचुएट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी की प्रफेसर क्रिस्टीन फोर्ब्स, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री केविन रुड, संयुक्त राष्ट्र के पूर्व डिप्टी महासचिव लॉर्ड मार्क मलोक ब्राउन भी शामिल हैं।

क्या होगा समूह का काम?

बाहरी सलाहकार का ये समूह IMF की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा को कोरोना के संकट से निपटने को लेकर सुझाव देगा। इसके साथ ही दुनियाभर में हो रहे बदलाव और नीतिगत मुद्दों की समीक्षा करते हुए अपनी राय भी देगा।

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सख्त कदम उठाने की जरुरत

IMF प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि इस महामारी के चलते सामने आई चुनौतियों के आने से पहले ही उसके सदस्य देश तेजी से बदलती दुनिया और जटिल नीतिगत मुद्दों का सामना कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति से निपटने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।

IMF प्रमुख ने कहा कि हमें IMF के अंदरुनी स्त्रोतों के साथ-साथ बाहरी सोर्सेज से भी गुणवत्तायुक्त राय और विशेषज्ञता की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि इस दिशा में सेवा प्रदान करने के लिए उच्च नीतिगत अनुभव वाले लोगों से लेकर बाजार और निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ सहमत हुए हैं।

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