दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण प्रोग्राम, जानिए इसके बारे में सबकुछ

135 करोड़ से ज्यादा आबादी वाले भारत में वैक्सीन कार्यक्रम चलाना कोई आसान काम नहीं है। इसीलिए सरकार ने इसे चरणबद्ध तरीके से शुरू करने का फैसला लिया है। लोगों में जागरूकता फैलाई जा रही है ताकि लोग तरह तरह की अफवाहों से सतर्क रहें। केंद्रीय

Update: 2021-01-12 06:44 GMT
दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण प्रोग्राम, जानिए इसके बारे में सबकुछ

लखनऊ: भारत में 16 जनवरी से कोरोना के खिलाफ टीकाकरण कार्यक्रम शुरू होने जा रहा है। टीकाकरण के पहले चरण में कुछ खास लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया ने वैक्सीन की पहली खेप भारत में 13 लोकेशन पर भेज भी दी है।

इनको प्राथमिकता

केंद्र सरकार के मुताबिक कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन के लिए प्राथमिकता वाले समूहों में संक्रमित होने या मृत्यु का खतरा ज्यादा होने वाले लोग, हेल्थ वर्कर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स, 50 वर्ष के ऊपर के उम्र वाले लोग और पहले से बीमार व्यक्ति शामिल हैं।

आसान नहीं है वैक्सीन प्रोग्राम

135 करोड़ से ज्यादा आबादी वाले भारत में वैक्सीन कार्यक्रम चलाना कोई आसान काम नहीं है। इसीलिए सरकार ने इसे चरणबद्ध तरीके से शुरू करने का फैसला लिया है। लोगों में जागरूकता फैलाई जा रही है ताकि लोग तरह तरह की अफवाहों से सतर्क रहें। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक कोरोना वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी है और यह चरणबद्ध तरीके से उपलब्ध होगी। मंत्रालय का कहना है कि वैक्सीन लगने के साथ साथ कोरोना अनुरूप व्यवहार भी संक्रमण से बचाने के लिए जरूरी है। यानी मास्किंग, दूरी, साफ़ सफाई पहले की तरह बनाये रखनी होगी।

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(फोटो- सोशल मीडिया)

रजिस्ट्रेशन जरूरी

वैक्सीन के लाभार्थियों का पहले से रजिस्टर्ड होना जरूरी है। वैक्सीन उनको नहीं दी जाएगी जो पंजीकृत नहीं हैं। पंजीकरण और मोनिटरिंग के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लिया जा रहा है। कोरोना से मुकाबला करने के लिए टेक्नोलॉजी और डेटा मैनेजमेंट पर गठित अधिकार प्राप्तट समूह के अध्याक्ष और वैक्सीन के काम पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह के सदस्य राम सेवक शर्मा के मुताबिक एक सक्षम, विश्वरसनीय और त्वतरित तकनीक से देश के टीकाकरण के लिए आधार और बैकअप दोनों तैयार होगा।

ये दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम होगा। टीकाकरण संबंधी डेटा रियल टाइम में हासिल करना बेहद अहम है और कोविन ऐप से इसमें खास तौर पर मदद मिलेगी। इससे लाभार्थियों को आसानी से पहचाना जाएगा।

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वैक्सीन की शुरूआत के लिए कोविन डिजिटल मंच होगा लेकिन अभी ये जारी नहीं किया गया है इसलिए गूगल प्ले या एप्पल स्टोर से किसी भी तरह का ऐप नहीं डाउनलोड करना चाहिए। ऐसे किसी ऐप पर अपनी निजी जानकारी नहीं डालनी चाहिए जो कि सरकार द्वारा अधिकृत नहीं है। कोविन ऐप अभी प्री-प्रोडक्ट चरण में है। इसमें स्वास्थ्य अधिकारियों का डाटा है जो टीकाकरण कराने के लिए पहली कतार में होंगे।

आम लोग क्या करें

अभी आम लोग कोरोना वैक्सीन के लिए पंजीकरण नहीं करा सकते हैं क्योंकि फिलहाल इस तक पहुंच अधिकारियों के पास ही है। एक बार जब ऐप लाइव हो जाएगा और प्ले स्टोर पर उपलब्ध होगा तो इसके चार मॉड्यूल होंगे-यूजर एडमिनिस्ट्रेटर मॉड्यूल, लाभार्थी पंजीकरण, टीकाकरण-स्वीकृति और स्टेटस अपडेशन। एक बार लाइव होने के बाद कोविन ऐप या वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन के विकल्प मिलेंगे जिसमें सेल्फ रजिस्ट्रेशन, इंडीविजुअल रजिस्ट्रेशन और बल्क अपलोड शामिल होगा।

ऐप लाइव होने पर लोगों को इसमें पंजीकरण कराने के लिए फोटो पहचान पत्र अपलोड करना होगा। जरूरी दस्तावेजों में आधार, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड, पासपोर्ट या जॉब कार्ड मान्य होंगे। आम लोगों को वैक्सीन के लिए कितनी कीमत चुकानी होगी इसकी अभी जानकारी नहीं दी गई है।

नीलमणि लाल

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