कोरोना: मोदी सरकार का राज्यों के लिए बड़ा फैसला, इस चीज की नहीं होगी कमी

कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते खतरे को देखते हुए मोदी सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं। सरकार ने देश के अधिकतर हिस्सों में लॉकडाउन का एलान किया गया है।

Update: 2020-03-24 03:24 GMT

नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते खतरे को देखते हुए मोदी सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं। सरकार ने देश के अधिकतर हिस्सों में लॉकडाउन का एलान किया गया है। सरकार लोगों को बार-बार घर में रहने की सलाह दे रही है। जहां लोग लापरवाही बरत रहे हैं, वहां पर कर्फ्यू लगा दिया गया है।

अब ऐसे हालात केंद्र सरकार ने राशन का पूरी तरह इंतजाम करने के लिए अहम फैसला लिया है। सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से एक साथ तीन महीने का अनाज उधार पर उठाने की छूट दी है।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ट्वीट कर ये जानकारी दी है। बता दें कि राज्य सरकारें राशन की दुकानों के माध्यम से वितरण करने के लिए अनाज उठाती हैं।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार फिलहाल सरकार के पास 435 लाख टन खाद्यान्नों के सरप्लस भंडार हैं, जिनमें से 272.19 लाख टन चावल और 162.79 लाख टन गेहूं है।

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वर्तमान समय में सरकार देश में पांच लाख राशन की दुकानों के माध्यम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्रत्येक लाभार्थी को प्रति माह पांच किलोग्राम सब्सिडी वाले खाद्यान्न की आपूर्ति करती है।

इससे सरकारी खजाने पर सालाना लगभग 1.4 लाख करोड़ रुपये का खर्च बोझ आता है। गौरतलब है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत लगभग 75 करोड़ लाभार्थी आते हैं।

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इससे पहले सरकार ने घोषणा की थी कि सस्ता आनाज पाने के हकदार 75 करोड़ लोगों को छह माह का राशन एक साथ उठाने की छूट दी जाएगी। अभी उन्हें ज्यादा से ज्यादा दो माह का अनाज समय से पहले उठाने की छूट है। सरकार का ये फैसला ऐसे समय में आया है जब लोग भारत में कोरोना वायरस के डर से घरों में राशन-पानी जुटा रहे हैं। अब लोगों के लिए यह राहत भरी खबर है।

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