लोग गैरों के साथ भी नहीं करते ऐसा सलूक, जैसा इस परिवार ने दिव्यांग के साथ किया

कोरोना का खौफ लोगों में किस कदर बैठ गया है, इसकी बानगी रायपुर एम्स में देखने को मिली। यहां कोरोना के डर से एक परिवार अपने ही घर के एक सदस्य को अस्पताल में छोड़ कर भाग गया।

Update: 2020-04-02 06:47 GMT

रायपुर: कोरोना का खौफ लोगों में किस कदर बैठ गया है, इसकी बानगी रायपुर एम्स में देखने को मिली। यहां कोरोना के डर से एक परिवार अपने ही घर के एक सदस्य को अस्पताल में छोड़ कर भाग गया।

जिस शख्स को घर वालों ने छोड़ा है वो बोलने और सुनने में असमर्थ है। कोरोना का संदेह होने पर उसे घरवालों ने बिना बताये अस्पताल में छोड़ दिया। उसके गले में एक पर्ची भी टांग रखी है जिस पर घर का गलत पता दिया गया है।

इतना ही नहीं, जो फोन नंबर उपलब्ध कराया गया था, वह भी सेवा में नहीं है। महामारी से लड़ाई के बीच एम्स स्टाफ को उस शख्स की देखभाल करनी पड़ रही है। अधिकारी पुलिस की मदद से शख्स के परिवार का पता लगाने में जुटे हुए हैं।

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49 वर्षीय शख्स को उसके परिवारवाले 29 मार्च को एम्स रायपुर लाए थे। उन्होंने डॉक्टर्स से कहा कि शख्स का कारोना टेस्ट कराया जाए क्योंकि घर पर उसके कोरोना से संक्रमित होने के लक्षण दिखाई दिए हैं।

ऐसी अवस्था में डॉक्टर्स ने मरीज को भर्ती किया और उसका कोरोना टेस्ट किया। इतना ही नहीं, शख्स की बुरी अवस्था को देखते हुए एम्स रायपुर ने उसे आइसोलेशन में रख दिया। टेस्ट का जब रिजल्ट सामने आया तो पता चला कि वह निगेटिव है। हालांकि, उस दिन से शख्स के परिवारवालों का कुछ भी पता नहीं चल पा रहा है।

'स्टाफ के कर्मचारी कर रहे हैं देखभाल'

एम्स के डेप्युटी डायरेक्टर (प्रशासन) नीरेश शर्मा ने बताया कि 'यह बहुद दुर्भाग्यपूर्ण है कि परिवार के कुछ लोग एक सदस्य को यहां अकेला छोड़कर चले गए। परिवार का कुछ भी पता नहीं चल पा रहा है। इस वजह से हमने पीड़ित को जनरल मेडिसिन वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया है, जहां पर उसकी मेडिकल स्टाफ देखरेख कर रहा है। कर्मचारी ही उसे खाना खिलाते हैं और उठने-बैठने में मदद करते हैं।'

 

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